इसमें कहा गया कि मुख्य रूप से 15वें वित्त आयोग की राशि डेढ़ वर्ष से पंचायतों को नहीं दी गयी है. जमुआ में 885 अबुआ आवास के लाभुक का चयन कर एक भी किस्त की राशि का भुगतान नहीं किया गया है. लाभुक के अबुआ आवास की सूची में नाम आ गया है एवं जिले से स्वीकृति मिल गयी है, इसके बाद भी राशि नहीं मिली है. इसी तरह कई जरूरतमंद पीएम आवास योजना का लाभ वंचित हैं. मुखिया संघ के प्रखंड अध्यक्ष प्रदीप सिंह ने कहा कि झारखंड सरकार ने हम पंचायत प्रतिनिधियों के मौलिक अधिकार पर जबरन दखलंदाजी कर अधिकार छिनने का काम किया है. हम मुखिया को पंचायत जाने लायक नहीं छोड़ा गया है. यह सरकार पंचायत प्रतिनिधियों की अनदेखी कर रही है.
नहीं मिल रहा मानदेय
कई वर्षों से मुखिया को मानदेय नहीं मिला है. कहा कि सरकार के खिलाफ पंचायत प्रतिनिधियों में आक्रोश है. मांगों को लेकर तीन नवंबर को प्रखंड कार्यालय में धरना देकर सरकार के सभी कार्यों का बहिष्कार करेंगे. मौके पर अबुजर नोमानी, संतोष वर्मा, धीरन मंडल, मुस्तकीम अंसारी, देवी दास, महेंद्र रविदास, रंजीत मंडल, अनिता देवी, सुखदेव यादव, शुभम कुमार, उमेश यादव, लोकनाथ हाजरा, अजीत वर्मा, राजू यादव आदि मौजूद थे.
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