मनरेगा के तहत गांडेय में दो प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी (बीपीओ), एक सहायक अभियंता, तीन कनीय अभियंता,तीन कंप्यूटर ऑपरेटर, एक लेखा सहायक व 26 रोजगार सेवक कार्यरत हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि यहां कार्यरत बीपीओ, एई, जेई व कंप्यूटर ऑपरेटर को नौ माह से और लेखा सहायक व रोजगार सेवक को तीन माह से मानदेय नहीं मिला है. मानदेय के अभाव सभी मनरेगा कर्मी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. मनरेगा कर्मी घर परिवार के भरण पोषण तक के लिए उधार लेने पर विवश हैं. सबसे बड़ी बात है कि दुर्गापूजा जैसे त्योहार भी मनरेगा कर्मियों को वेतन नहीं मिला. मनरेगा कर्मियों की मानें, तो जो स्थिति है, उसमें दिवाली तक भुगतान होने की संभावना नजर नहीं आ रही है.
आंदोलन की बन रही रणनीति
यह मामला सिर्फ गांडेय का नहीं, बल्कि पूरे जिले व राज्य से जुड़ा है. इस कारण मनरेगा कर्मी आंदोलन करने की मूड में हैं. सूचना है कि दीपावली तक वेतन नहीं मिलने की स्थिति में मनरेगा कर्मी छठ के बाद आंदोलन की रणनीति तय करेंगे.
आवंटन उपलब्ध, भुगतान की प्रकिया है लंबित : बीडीओ :
बीडीओ निसात अंजुम ने कहा कि आवंटन उपलब्ध है, भुगतान की प्रकिया लंबित है. जल्द ही सभी मनरेगा कर्मियों को वेतन मिलेगा. विभागीय सूत्रों की मानें तो वर्तमान में सिंगल नोडल अकाउंट स्पर्श सॉफ्टवेयर से भुगतान होना है. केंद्र सरकार के इस नये सॉफ्टवेयर से भुगतान की प्रक्रिया ट्रायल में है. इसके कारण सभी का मानदेय लटका हुआ है.
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