कार्यक्रम की अध्यक्षता शिक्षक मुकेश कुमार ने की. विधिक सहायता केंद्र प्रखंड कार्यालय के पीएलवी सुबोध कुमार साव की मौजूदगी में छात्राओं को डायन-बिसाही कानून की विस्तृत जानकारी दी गयी. कहा कि डायन डायन प्रथा एक सामाजिक और अंधविश्वास पर आधारित प्रथा है, जो मुख्य रूप से महिलाओं के उत्पीड़न से जुड़ी हैं. इसके लिए महिला को प्रताड़ित करने पर छह माह की अवधि के लिए कारावास या अथवा दो हजार रुपये जुर्माना अथवा दोनों सजा से मिल सकती है. पीएलवी हीरा देवी और प्रदीप कुमार ने बच्चियों को बाल विवाह के संबंध में विस्तृत जानकारी दी. शानडीह में डायन प्रथा की रोकथाम के लिए नुक्कड़ नाटक कर ग्रामीणों को जागरूक किया गया. कार्यक्रम में काफी संख्या में छात्राएं उपस्थित थीं.
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