प्रभात खबर आपके द्वार कार्यक्रम में लोगों ने सामने रखीं समस्याएंगावां प्रखंड स्थित खरसान पंचायत में प्रभात खबर आपके द्वार कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के दौरान लोगों ने अपने पंचायत की समस्याओं को सामने रखा. इस दौरान लोगों ने गांव में पेयजल, चिकित्सा, जर्जर पथ व शिक्षकों की कमी, सिंचाई का अभाव आदि समस्याओं पर विस्तार से अपने विचार व्यक्त किये. उक्त पंचायत प्रखंड मुख्यालय से लगभग 11 किमी की दूरी पर स्थित है. पंचायत में मतदाताओं की संख्या 5000 से अधिक है. पंचायत के विभिन्न पंचायतों में अधिकतर किसान परिवार के लोग रहते हैं. ग्रामीणों ने कहा कि पंचायत में मुख्य पथ समेत विभिन्न मुहल्लों में पथों की स्थिति काफी जर्जर है. झाराढाब मोड़ से खरसान तक पथ का निर्माण लगभग एक वर्ष पूर्व लाखों की लागत से करवाया गया था जो घटिया निर्माण के कारण काफी जर्जर हो गया है. पंचायत स्थित हरिहरपुर गांव में पथ काफी जर्जर स्थिति में पहुंच गया है जिससे लोगों को काफी कष्टकर स्थिति का सामना करना पड़ता है.
वर्षों से पेयजल की किल्लत से जूझ रहे हैं लोग
उक्त पंचायत स्थित डेवटन गांव में लोग वर्षों से पेयजल की समस्या से जूझ रहे है. गांव में चापानल तो लगायें गये हैं, लेकिन इसका जल खारा है. उक्त गांव में मात्र एक कुएं का जल कुछ ठीक है, लेकिन गर्मी में वह भी सूख जाता है. गांव से लगभग एक किमी की दूरी पर एक पहाड़ी जलस्रोत है. लोग वहां से पीने के लिए पानी लाकर अपनी प्यास बुझाते हैं. गर्मी के मौसम में वहां भीड़ लगी रहती है. पंचायत में पिछले दो वर्षों से पानी टंकी का निर्माण किया जा रहा है जो पूर्ण नहीं हो पाया है. ग्रामीणों ने बताया कि स्थानीय चापानल के पानी से कपड़ा पूरी तरह साफ नहीं हो पाता है. वहीं दाल भी देर से गलता है. लोग कपड़ा साफ करने के लिए अक्सर नदी में जाते हैं.विद्यालयों में नहीं है पर्याप्त शिक्षक
यहां के विद्यालयों में पर्याप्त शिक्षक नहीं होने से छात्र-छात्राओं की पढ़ाई बाधित हो रही है. मवि हरिहरपुर को अपग्रेड कर उच्च विद्यालय का दर्जा दिया गया है, लेकिन यहां विषयवार शिक्षकों के नहीं होने से सभी विषयों की पढ़ाई नहीं हो पाती है. विद्यालय में चहारदीवारी के नहीं रहने से परिसर में अवारा मवेशियों का अड्डा लगा रहता है. उच्च शिक्षा के लिए छात्र-छात्राओं को कोचिंग सेंटरों पर आश्रित रहना पड़ता है.पंचायत में चिकित्सा व्यवस्था का भी घोर अभाव है. कहुआई गांव में आयुष्मान सेंटर का निर्माण करवाया गया है जिसमें अक्सर ताला लटका रहता है. चिकित्सा सुविधा के अभाव में लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. लोग इलाज के लिए प्रखंड मुख्यालय पर आश्रित रहते हैं. सबसे अधिक परेशानी गर्भवती महिलाओं को होती है.
सिंचाई सुविधा का है अभाव
पंचायत के विभिन्न मुहल्लों में अधिकांश कृषक परिवार के लोग रहते हैं. यहां की खेती मुख्यतः मानसून पर निर्भर रहती है. गांव में सिंचाई सुविधा का भारी अभाव है. गांव के बगल से नदी गुजरी है, लेकिन उसके जल को खेतों तक पहुंचाने की सुविधा नहीं होने से लोगों को परेशानी होती है. सिंचाई के अभाव में बरसात के बाद सभी खेत बंजर हो जाते हैं. वहीं लोगों को रोजी रोजगार के लिए सुदूर महानगरों का रुख करना पड़ता है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

