मंगलवार को अहले सुबह भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला जिसे प्रभात खबर ने अपने कैमरे में कैद किया है. बता दें कि गिरिडीह शहरी क्षेत्र के बनखनजो, गरहाटांड़, दीनदयाल घाट, झरियागादी समेत नदी के कुछ और किनारों से बालू का उठाव ट्रैक्टर के माध्यम से किया जा रहा है. इन घाटों पर ट्रैक्टर लगभग रात दो से तीन बजे तक पहुंच जाती है और फिर इससे सुबह छह बजे तक बालू का उठाव के साथ-साथ परिवहन होता रहता है. शहर के अलग-अलग इलाके में बालू को खपाया जाता है. सूत्रों का कहना है कि कई विभागों के संरक्षण में यह अवैध कार्य बेखौफ होकर अंजाम दिया जा रहा है. संबंधित विभाग के लोग इस मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं.
प्रति दिन पांच सौ ट्रैक्टर बालू का हो रहा है अवैध उठाव
गिरिडीह के शहरी क्षेत्र में उसरी नदी से प्रति दिन लगभग पांच सौ ट्रैक्टर बालू का अवैध उठाव किया जा रहा है. सांठ-गांठ के आधार पर बालू उठाने से लेकर उसे निर्धारित स्थलों पर खपाने में कई लोग सक्रिय हैं. बालू तस्कर रातभर बालू घाटों पर सक्रिय दिखते हैं. दिन के उजाले के बाद यह कार्य बंद कर दिया जाता है. मिली जानकारी के अनुसार गिरिडीह शहरी क्षेत्र में 1200 रुपये से लेकर 2000 रुपये तक प्रति ट्रैक्टर वसूल किया जाता है.
उसरी नदी बचाओ अभियान पर पड़ रहा है असर
वहीं दूसरी ओर उसरी नदी बचाओ अभियान भी बालू के इस तस्करी से प्रभावित हो रहा है. शहरी क्षेत्र में उसरी नदी में जगह-जगह पर खोदकर बालू निकाला जा रहा है. इससे उसरी नदी के कई हिस्सों में बड़े-बड़े पत्थर और चट्टान तक दिखने लगे हैं. बताया जाता है कि इससे जलस्रोत पर भी असर पड़ रहा है. इस नदी को बचाने के लिए उसरी नदी बचाओ संघर्ष समिति का भी गठन किया गया है, लेकिन हाल के दिनों में इस समिति की गतिविधियां भी शिथिल पड़ गयी है. समिति के लोगों का कहना है कि खनन विभाग, राजस्व विभाग और पुलिस का अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पाने के कारण शहरी क्षेत्र में भी उसरी नदी से बालू का उठाव पर अंकुश नहीं लगाया जा पा रहा है.बालू तस्करी में पकड़े जायेंगे तो होगी प्राथमिकी : सीओ
गिरिडीह अंचल के अंचल अधिकारी जितेंद्र प्रसाद ने कहा कि कई बार बालू का अवैध उठाव करने वाले लोगों को पकड़ा भी गया है और जुर्माना भी किया गया है. उन्होंने कहा कि यदि इसके बाद भी बालू का उठाव और परिवहन अवैध तरीके से किया जा रहा है तो बालू तस्करी में पकड़े जाने वाले लोगों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज की जायेगी. कहा कि शहरी क्षेत्र के ऐसे इलाकों में रहने वाले लोगों को भी तुरंत सूचना देनी चाहिए जिनके इलाके से बालू का परिवहन किया जा रहा है.
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