जिला समाज कल्याण पदाधिकारी स्नेह कश्यप ने इसकी सफलता सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रखंडों के सीडीपीओ, सुपरवाइजरों और पोषण कर्मियों के साथ सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की. उन्होंने पोषण पखवारा के सफल क्रियान्वयन के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये.
पोषण पखवारा के मुख्य चार विषय हैं
अधिकारियों व कर्मियों को निर्देश देते हुए कहा कि इस वर्ष पोषण पखवारा के मुख्य चार विषय हैं. पहला जीवन के पहले 1000 दिवस का महत्व है. कहा कि यह गर्भावस्था से लेकर बच्चे के दूसरे जन्मदिन तक का समय को जीवन के सुनहरे हजार दिन के रूप में भी जाना जाता है. यह हजार दिन बच्चे के शारीरिक, मानसिक व भावनात्मक विकास की नींव रखता है. दूसरा लाभार्थी मॉड्यूल को लोकप्रिय बनाना. पोषण अभियान का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी पात्र लाभार्थियों को सेवाओं का लाभ मिले. इसे ध्यान में रखते हुए पोषण ट्रैक्टर एप्लिकेशन को हर लाभार्थी तक पहुंचाना है. तीसरा समुदाय आधारित कुपोषण प्रबंधन एवं रोल आउट. इसमें आंगनबाड़ी स्तर पर कुपोषित बच्चों की पहचान और प्रबंधन के लिए विस्तृत कदम उठाना है. वहीं, चौथा बच्चों में मोटापे को कम करने हेतु स्वस्थ जीवनशैली अपनाना है. बताया कि इन विषयों पर केंद्रित कई गतिविधियां जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर आयोजित की जायेंगी.
स्वस्थ समाज की नींव स्वस्थ बचपन पर टिकी है : स्नेश कश्यप
डीएसडब्लयूओ श्रीमती कश्यप ने सभी अधिकारियों और कर्मियों से आह्वान किया कि वे इन गतिविधियों को प्रभावी ढंग से संचालित करें और समुदाय के अधिकतम लोगों तक पोषण संबंधी महत्वपूर्ण संदेश पहुंचायें. कहा कि स्वस्थ समाज की नींव स्वस्थ बचपन पर टिकी होती है और यह पखवारा इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. कहा कि यह पखवारा निश्चित रूप से जिले में पोषण संबंधी जागरूकता बढ़ाने और स्वस्थ आदतों को अपनाने के लिए एक महत्वपूर्ण साबित होगा.
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