न्याय. मां ने मजदूरी कर लड़ी इंसाफ की लड़ाई, कोर्ट ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला
परसन गांव की एक मां ने अपने बेटे की हत्या के दोषियों को सजा दिलाने के लिए वर्षों तक मजदूरी कर न्याय की लड़ाई लड़ी. उनके संघर्ष की जीत तब हुई, जब बुधवार को जिला व सत्र न्यायाधीश प्रीति कुमारी की अदालत ने हत्या के मामले में पांच दोषियों को विभिन्न धाराओं के तहत सजा सुनाई. कोर्ट ने प्रयाग यादव, राजेंद्र यादव और वकील यादव को भारतीय दंड संहिता की धारा 304, 147, 148 और 149 के तहत 10-10 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई. वहीं संतोष यादव और रामदेव यादव को 7-7 साल की सजा दी गयी.धनवार थाना क्षेत्र का मामला
मामला धनवार थाना क्षेत्र के परसन गांव का है, जहां कुछ वर्ष पहले मामूली विवाद के बाद युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गयी थी. बेटे की मौत के बाद मां ने हार नहीं मानी और मजदूरी करके कानूनी लड़ाई लड़ती रही. इस संघर्ष में अधिवक्ता संजीव कुमार राय ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी और पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने में निर्णायक सहयोग दिया. फैसले के बाद पीड़ित मां की आंखों में आंसू थे, मगर इन आंसूओं में पीड़ा के साथ-साथ न्याय की राहत भी थी. उन्होंने कहा अब मेरे बेटे की आत्मा को शांति मिलेगी. गांव में इस फैसले को लेकर चर्चा का माहौल है और लोग मां के जज्बे को सलाम कर रहे हैं.
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