तिसरी प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में इन दिनों कुछ ग्रामीण चंद लाभ के लिए पर्यावरण से छेड़छाड़ कर पर्यावरण को दूषित कर रहे हैं. इससे आम जीव जंतु की असमय मौत हो जा रही है और हरे पेड़ पौधें भी नष्ट हो रहे हैं. तिसरी प्रखंड के वैसे जंगली क्षेत्रों जैसे बरह्मसिया, कुंडी बिरनी, जलगौड़ा, सेवाटांड़ आदि दर्जनों क्षेत्र में जहां के जंगल और पहाड़ों पर महुआ का पेड़ है, इन दिनों चूंकि महुआ गिरने का समय है और लोग महुआ को चुनने के लिये जंगल में गिरे सूखे पत्ते को जलाने के लिए जंगलों में आग लगा दे रहे हैं और आग पूरे पहाड़ पर लगे घने पेड़ पौधों में लग जा रही है जिससे हरे भरे पेड़ तो मुरझा ही रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ जंगलों में रहने वाले जीव जंतु और खासकर पक्षियों पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है और पर्यावरण भी दूषित हो रहा है.
वन विभाग ने आग नहीं लगाने की अपील
वन विभाग द्वारा कुछ दिनों पहले ही गांवों में बैठक कर लोगों से आग्रह किया गया कि जंगलों में आग नहीं लगावें. प्रखंड मुख्यालय में हुई मुखियाओं के संग बैठक में भी वन विभाग के अधिकारी ने सभी मुखिया से बात की और कहा कि वे अपने अपने क्षेत्र के लोगों में पर्यावरण को लेकर जागरूकता फैलाए और जंगलों को नष्ट होने से बचाएं. इसके लिए वन विभाग द्वारा गांव गांव में जागरूकता के लिए प्रचार प्रसार भी की गई, बावजूद इसके तिसरी प्रखंड के कई क्षेत्र के पहाड़ों पर ग्रामीणों द्वारा आग लगा दिया जाता है जो पर्यावरण के लिए खतरा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

