केएन बक्शी बीएड कॉलेज में बुधवार को आतंकवाद विरोधी दिवस पर सेमिनार का आयोजन किया गया. आतंकवाद, वर्तमान परिदृश्य और चुनौतियां विषय पर आयोजित सेमिनार में संस्थान के प्रशिक्षुओं ने भाग लिया. इस दौरान प्राचार्य डॉ अजीत कुमार सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी दिवस पर सभी देशवासियों को एकजुट होकर आतंकवाद के विरुद्ध संकल्प लेने की आवश्यकता है. हर भारतवासी का यही है सपना, आतंकवाद मुक्त बने देश अपना. प्राचार्य ने आतंकवाद के विरुद्ध जीवन अर्पित करने वाले सभी वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी.
आतंकवाद का उद्देश्य लोगों में भय पैदा करना
उपप्राचार्य प्रो बिनोद कुमार सुमन ने कहा आतंकवाद एक गैरकानूनी कार्य है, जिसका उद्देश्य आम लोगों में भय पैदा करना है. आतंकवाद सिर्फ एक शब्द नहीं है, यह मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा है. अगर कोई व्यक्ति या समूह हिंसा, दंगे, चोरी, बलात्कार, अपहरण, लड़ाई-झगड़े, बम विस्फोट फैलाता है, तो ये गतिविधियां भी आतंकवाद की श्रेणी में आती हैं. प्रो डॉ शंकर सिंह ने कहा कि आतंकवाद को रोकने के लिए कई तरह के उपाय किए जा सकते हैं, जैसे कि सुरक्षा ऑडिट, आतंकवाद के कारणों को समझना, कट्टरपंथ से निपटने के लिए जागरूकता कार्यक्रम और अंतरराष्ट्रीय सहयोग. प्रो मदन कुमार ने कहा समाज के विभिन्न वर्गों के बीच असमानताओं को कम करना चाहिए, खासकर युवाओं के बीच, क्योंकि वे आतंकवाद के लिए अधिक संवेदनशील हो सकते हैं. प्रो नूतन शर्मा ने कहा : धर्म को अध्यात्म में बदलने से लोगों को एक-दूसरे के प्रति सहनशीलता और सहिष्णुता विकसित करने में मदद मिलेगी जो आतंकवाद को रोकने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है. मौके पर प्रो नीलेश लकड़ा, रामदेव यादव, सन्नू वर्मा, मो आबिद अंसारी, रिया कुमारी, बेबी साव, माइकल मुर्मू, शीलवंती टुडू, सुशीला बास्के, रिया कुमारी, वर्षा सिंह, प्रो मदन कुमार सहित अन्य उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

