बच्चों ने छठ की शुद्धता व उनके कठिन नियमों तथा निर्जला उपवास की पद्धति का ऐसा प्रदर्शन किया कि सभी देखने वालों का रोम रोम सिहर गया. कई की आंखों में खुशी के आंसू तक छलक आये. सभी बच्चों ने बड़ी श्रद्धा व निष्ठा से हरेक विधि को ध्यान में रखकर महापर्व को प्रदर्शित किया. कक्षा बाल वाटिका से दूसरी तक के बच्चों ने भी दीपावली व भाई दूज की झलक सांस्कृतिक कार्यक्रमों को प्रस्तुत करके दिखाया. नन्हें-मुन्हें बच्चों ने नृत्य व द्वीप प्रज्वलित कर अंधकार पर प्रकाश की विजय का संदेश दिया. विद्यालय में दीपावली और छठ पूजा के पावन त्योहारों के अवसर पर इसका आयोजन हुआ. इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को इन त्योहारों के महत्त्व और सांस्कृतिक विरासत से जोड़ना है.
छठ महापर्व ने लोगों को जोड़ा : प्राचार्य
इस अवसर पर प्राचार्य ओमप्रकाश गोयल ने महापर्व छठ की महिमा के बारे में विस्तार से जिक्र किया. उन्होंने कहा कि महापर्व छठ ने देश की सीमाओं को भी छोटा कर दिया है. इसके प्रति प्रकृति के प्रेम और श्रद्धा और निर्जला उपवास रखकर पूजन किया जाता है. पूरा समाज मिलकर इस महापर्व को मनाने के लिए अपना सहयोग और अपने समर्थ के अनुसार श्रम प्रदान करते हैं. प्राचार्य ने इस अवसर पर सभी शिक्षकों, छात्रों एवं कर्मचारियों को महापर्व की बहुत-बहुत बधाई दी. महापर्व की प्रस्तुति को निभाने में मुख्य रूप से एस रब्बानी, बीना भारती, श्वेता सिन्हा, अनीता ओझा, जुली कुमारी, पूजा सिन्हा, रूबी तिवारी, स्मिता डे, सुस्मिता कुमारी आदि ने मुख्य योगदान किया.
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