शहादत को सलाम. गगनभेदी नारों से गूंजा धर्मपुर, अंतिम यात्रा में शामिल लोगों के हाथों में था तिरंगा
सीआइएसएफ के सशस्त्र जवानों ने शहीद को दी सलामी
दुबीदाहा घाट पर हुआ अंतिम संस्कार, भतीजे ने दी मुखाग्नि
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में ड्यूटी के दौरान शहीद हुए बिरनी के लाल संजय मुर्मू को पूरे सम्मान के साथ सोमवार को अंतिम विदाई दी गयी. जैसे ही शहीद की पार्थिव देह उनके पैतृक गांव पहुंची, पूरा गांव गमगीन हो गया. गगनभेदी नारों के बीच लोगों ने नम आंखों से अपने लाल को अंतिम विदाई दी. इससे पूर्व बिरनी प्रखंड की खेदवारा पंचायत के धर्मपुर के निवासी संजय मुर्मू का तिरंगा में लिपटा पार्थिव शरीर रविवार देर रात लगभग 12:30 बजे गांव पहुंचा. सीआइएसएफ किश्तवाड़ के एसआइ एस श्रीकांत, रूपेश चंद्र, रांची के एसआइ गौरव शर्मा, भरकट्टा ओपी प्रभारी अमन कुमार सिंह इसे लेकर पैतृक आवास पहुंचे. शहीद संजय मुर्मू की देह लाने की सूचना मिलने पर बड़ी संख्या में ग्रामीण व राजनीति दलों के नेता व कार्यकर्ता उमड़ पड़े. सोमवार को पूरा धर्मपुर गांव तिरंगा झंडा से पाट दिया गया था. अंतिम यात्रा में शामिल लोगों के हाथों में तिरंगा था. संजय मुर्मू का पार्थिव शरीर घर पहुंचते ही माहौल भावुक हो गया और कोहराम मच गया. उनके पिता केशर मुर्मू, मां सोनिया देवी, पत्नी चंपा हांसदा व परिवार के अन्य सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल था. इससे वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम हो गयीं.
पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों समेत कई विशिष्ट लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की : सोमवार सुबह लगभग आठ बजे बगोदर-सरिया के एसडीपीओ धनंजय राम, बीडीओ फनीश्वर रजवार, इंस्पेक्टर अजय कुमार शहीद के घर पहुंचे और पार्थिव शरीर पर पुष्प-चक्र व श्रद्धा सुमन अर्पित किया. अंत्येष्टि की प्रक्रिया शुरू होते ही उपस्थित लोगों की आंखें नम हो गयीं. अंतिम संस्कार में हजारों की संख्या में महिलाएं, पुरुष, बूढ़े, बच्चे शामिल हुए. लोग भारत माता की जय, शहीद संजय मुर्मू अमर रहें, जब तक सूरज चांद रहेगा… संजय बाबू का नाम रहेगा, वंदे मातरम् का नारा लगा रहे थे. इनके हाथों में तिरंगा झंडा था. दुबीदाहा घाट पर सीआइएसएफ के अधिकारियों व सशस्त्र जवानों ने शहीद जवान को अंतिम सलामी दी. दो मिनट का मौन रख उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना की गयी. गार्ड ऑफ ऑनर देने के बाद तिरंगे को लपेटकर शहीद के पिता को सौंपा गया. मुखाग्नि संजय मुर्मू के भतीजे ने दी.रो-रोकर बेसुध हो रहे थे परिवार के सदस्य
सीआइएसएफ जवान संजय मुर्मू का रविवार की रात गांव पहुंचा. सोमवार की सुबह इसकी सूचना मिलते ही लोगों की भीड़ गांव में उमड़ पड़ी. शहीद का शव आने के बाद उसके पिता केशर मुर्मू, मां सोनिया देवी, पत्नी चंपा हांसदा व परिवार के सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल था. मालूम रहे कि किश्तवाड़ जिले के पाडर इलाके के चसोटी गांव में पिछले गुरुवार को बादल फटने से सीआइएसएफ जवान संजय मुर्मू (36) समेत चार जवान शहीद हो गये. शहीद के बड़े भाई सुनील मुर्मू ने बताया कि संजय की नियुक्ति 2020 में हुई थी. वह ओडिशा के पारादीप में पदस्थापित था. ओडिशा से पिछले महीने किश्तवाड़ के चिसोटी गांव स्थित मचेल माता मंदिर के पास उसे तैनात किया गया था. मचेल माता मंदिर समुद्र तल से लगभग 9500 फीट की ऊंचाई पर बर्फ से ढकी पर्वत शृंखलाओं के बीच बसा है. यहां माता चंडी (दुर्गा) की पूजा होती है. भक्त मानते हैं कि मां चंडी यहां शक्ति स्वरूपा पिंडी रूप में विराजमान हैं.राजनीतिक दल के लोग हुए शामिल
अंतिम संस्कार में भाजपा मंडल अध्यक्ष राजदेव साव, लक्ष्मण दास, कैलाश मंडल, मनोज सिंह, प्रवीण प्रभाकर, विक्रम तर्वे, झामुमो जिला उपाध्यक्ष त्रिभुवन मंडल, संतोष कुमार, राजू अंसारी, मजीद अंसारी, असगर अंसारी, हजरत अंसारी, जिप सदस्य सूरज कुमार, उप प्रमुख शेखर सुमन दास, राजेंद्र यादव समेत हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

