बंचिंग लाभ में की जा रही कटौती के विरोध में शनिवार को झंडा मैदान में प्रभावित प्राथमिक शिक्षकों ने बैठक की. मौके पर शिक्षकों ने एक स्वर में झारखंड सरकार के वित्त विभाग द्वारा जारी बंचिंग कटौती के आदेश को न केवल अन्यायपूर्ण, बल्कि शिक्षकों के साथ आर्थिक और मानसिक प्रताड़ना करार दिया. शिक्षकों ने बताया कि बंचिंग का लाभ उन्हें वरीयता और सेवा काल के आधार पर दिया गया था, जिसके अनुसार वेतन का निर्धारण हुआ था. लेकिन अब 18-19 वर्षों के बाद सातवें वेतनमान के अंतर्गत, इस लाभ को वापस लिया जाना शिक्षकों के अधिकारों पर कुठाराघात है. कहा कि शिक्षा व्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए सरकार शिक्षकों को प्रोत्साहित करने की बजाय उनका हक छीनने का काम कर रही है. बैठक में निर्णय लिया गया कि यदि झारखंड सरकार का वित्त विभाग बंचिंग कटौती से संबंधित आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त नहीं करता है तो शिक्षक न्यायालय की शरण में जाने को बाध्य होंगे. बैठक में नवीन कुमार, नवीन निश्चल, संजय कुमार, मुस्तकीम अंसारी, श्रवण कुमार, रवींद्र प्रसाद, शब्बीर अंसारी, फैजुल हक, रामदेव, अरुण गोप, जागेश्वर प्रसाद यादव, अरुण कुमार साहू, अमृत साव, अरविंद कुमार, रेखा कुमारी और नितेन्द्र नारायण साहू सहित कई शिक्षकों ने भाग लिया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है