सीडीएससीओ से लाइसेंस मिलने के बाद डीसी ने किया सदर अस्पताल का निरीक्षण
गिरिडीह सदर अस्पताल में भी ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट जल्द ही चालू हो जायेगा. सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ओर्गेनाइजेशन यानि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने इस सेपरेशन यूनिट को मान्यता देते हुए सर्टिफिकेट दिया है. जमशेदपुर, रांची, धनबाद के बाद गिरिडीह चौथा ऐसा जिला है जहां ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट को मान्यता दी गयी है. राज्य में यह पहला जिला अस्पताल है जहां यह यूनिट चालू हो रही है. भारत सरकार से सर्टिफिकेट मिलने के बाद डीसी नमन प्रियेश लकड़ा ने गिरिडीह सदर अस्पताल का निरीक्षण किया और ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट की स्थिति का जायजा लिया. डीसी ने कहा कि इस सेपरेशन यूनिट के चालू होने से रक्त में पाये जाने वाले प्लाज्मा, पैक्ट सेल और प्लेटलेट्स को अलग-अलग किया जा सकेगा. वर्तमान में यदि किसी मरीज को सिर्फ प्लाज्मा की जरूरत हाेती थी तो पूरा ब्लड चढ़ाना पड़ता था. अब मरीज को जिस तरह के ब्लड की जरूरत होगी, उस तरह का ब्लड दिया जा सकेगा. एक यूनिट ब्लड से तीन अलग-अलग लोगों को लाभ मिल सकेगा. गिरिडीह सदर अस्पताल में संचालित ब्लड बैंक की क्षमता एक हजार हो गयी है. यह यूनिट रक्त की उपलब्धता में वृद्धि करने रोगियों की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुसार उपचार प्रदान करने और रक्त से संबंधित बीमारियों के इलाज के लिये नये तरीके खोजने में मदद करती है. थैलेसीमिया समेत अन्य मरीजों को मिलेगा लाभखासतौर पर थैलेसीमिया और गंभीर बीमारियों से ग्रसित बच्चों और मरीजों को इससे बड़ा लाभ मिलेगा. इसके अलावा गिरिडीह जिले में खून की कमी से किसी की मौत ना हो, जिला प्रशासन इस दिशा में निरंतर कार्य कर रहा है. इस ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट से लोगों को काफी लाभ मिलेगा. इससे रक्त संग्रह भी अधिक समय के लिए हो सकेगा. ऐसे में जिले में गर्भवती महिलाओं समेत दुर्घटना में जख्मी होने वाले व थैलीसीमिया के मरीजों को जान बचाने के लिए तत्काल रक्त उपलब्ध होगा. डीसी ने कहा कि मरीजों को बेहतर और समय पर उपयुक्त स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करना ही हमारी प्राथमिकता है. जिले में ब्लड की कमी न हो इसके लिए ब्लॉक एवं जिला स्तर पर समय समय पर कैंप लगाये जाते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है