साथ ही अदालत ने आरोपी को 22 लाख 47 हजार 970 रुपये कंपनी को मुआवजे के रूप में भुगतान करने का आदेश दिया है. यह मामला वर्ष 2022 का है, आरोपी ने गिरिडीह के लाल स्टील प्राइवेट लिमिटेड से लाखों रुपये की टीएमटी छड़ की खरीदारी की थी. भुगतान के लिए उसने 5 अप्रैल 2022 को एक चेक जारी किया, लेकिन बैंक में प्रस्तुत करने पर चेक अपर्याप्त धनराशि के कारण बाउंस हो गया. कंपनी द्वारा बार-बार भुगतान मांगने के बावजूद आरोपी ने राशि का भुगतान नहीं किया. इसके बाद कंपनी के निदेशक ने न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम, प्रिया की अदालत में परिवाद दायर किया. पूरे मामले की सुनवाई के बाद अदालत ने आरोपी को दोषी मानते हुए सजा सुनाई. कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कहा है कि यदि आरोपी 30 दिनों के भीतर पूरी राशि मुआवजे के रूप में जमा नहीं करता, तो उसे अतिरिक्त तीन माह का कारावास भुगतना पड़ेगा.
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