इससे यह सुनिश्चित किया जायेगा कि पोषाहार सही लाभुक तक पहुंचे और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की संभावना न रहे. इस तकनीक के माध्यम से गावां प्रखंड अंतर्गत गर्भवती महिलाओं और अति कुपोषित बच्चे को लाभ मिलेगा. उन्होंने बताया कि इस सिस्टम को पोषण ट्रैकर ऐप से जोड़ा गया है. इसमें प्रत्येक लाभुक का चेहरा स्कैन किया जाएगा और आधार लिंक के माध्यम से उनकी पहचान की पुष्टि होगी. इसके बाद ही उन्हें नियमानुसार पोषाहार दिया जाएगा. बताया कि अब तक पोषाहार वितरण में कई गड़बड़ियों की शिकायतें आती थी जिनमें बेनामी लाभुकों के नाम पर पोषाहार उठाने की बातें सामने आयी थी. एफआरएस लागू होने से यह समस्या पूरी तरह समाप्त हो जाएगी. क्योंकि केवल वे ही लाभुक पोषाहार प्राप्त कर पायेंगे जो व्यक्तिगत रूप से केंद्र पर उपस्थित होंगे. मौके पर गुलशन आरा, संजू देवी, किरण देवी, उषा देवी, संध्या देवी, सुधा शर्मा, अंजू देवी, आरती देवी समेत कई सेविका मौजूद थीं.
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