बिरनी प्रखंड के माखमरगो में दलित परिवार सरकार से दी गयी भूदान की जमीन पर जबरन कब्जा करने का आरोप लगा पीड़ित परिवार प्रखंड सह अंचल कार्यालय के बाहर गुरुवार से अनिश्चितकालीन धरना पर बैठ गया. धरना पर बैठे सरजू रविदास ने बताया कि वर्ष 1989 में चार एकड़ जमीन माखमरगो में हम पांचों भाई काशी रविदास, बंशी रविदास, प्रसादी रविदास, सरजू रविदास व मनु रविदास को भूदान में मिली थी. उक्त जमीन को माखमरगो के ही सुलेमान अंसारी, एकराम अंसारी, गुलटेन अंसारी व इस्माइल अंसारी जबरन अपनी जमीन बताकर कब्जा करने का प्रयास कर रहा है. कहा कि वर्ष 2017 में पूर्व सीओ के द्वारा मापी कर सरजू रविदास के नाम पर 80 डिसमिल जमीन पर ट्रेंच काटकर अधिकार दिलाया गया था, लेकिन उक्त सभी हमलोगों को मारपीट कर भगा दिया. पुनः वर्ष 2020 में हमलोगों को सीओ ने जमीन पर दखल कब्जा दिलाया. इस दौरान वे किसी तरह से एक कमरा बनाकर रहने लगे, लेकिन फिर से उक्त सभी लोग मारपीट कर जमीन से उन्हें बेदखल कर दिया. इस मामले में बगोदर-सरिया के एसडीओ ने कार्रवाई की. इसमें तीन जुलाई 24 को एसडीओ ने उसे (सरजू रविदास) उस जमीन पर कब्जा घोषित किया गया. एसडीओ से हमलोगों के पक्ष में डिग्री प्राप्त होने के बाद सुलेमान जिला न्यायालय में रिवीजन के लिए चला गया. इसमें भी उसके पक्ष में निर्णय आया. इसके बाद भी कोई अधिकारी हमलोगों की नहीं सुन रहे हैं. तंग आकर हमलोग अनिश्चितकालीन धरना पर सपरिवार बैठना पड़ा. कहा कि जब तक सुलेमान अंसारी व अन्य लोगों काम नहीं रोकते हैं, धरना जारी रहेगा. धरना में प्रसादी रविदास, त्रिभुवन रविदास, तुलसी रविदास, उमाशंकर रविदास, मनोज रविदास, लाडो देवी, गुलाबी देवी, जिरवा देवी समेत अन्य बैठे हैं.
क्या कहते हैं सीओ
सीओ संदीप मधेशिया ने कहा कि सरजू रविदास वगैरह को मिले भूदान के पर्चे को उपायुक्त ने रद्द कर दिया है. इसमें हम क्या कर सकते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

