12 झोपड़ी समेत एक अर्धनिर्मित मकान तोड़ा, मध्याह्न भोजन का चावल खा लिया
हाथियों के आने की सूचना मिलते ही सभी मजदूर झोपड़ी छोड़कर ईंट भट्ठा पर चढ़कर किसी तरह अपना जान बचायी. वहीं, ईंट भट्ठा के बगल में ही एक नवनिर्मित भवन को भी हाथियों ने अपना निशाना बनाया और उसे तोड़ डाला. इसके बाद प्राथमिक विद्यालय सर्वोदय आश्रम में बच्चों के मध्याह्न भोजन के लिए रखे चावल और अन्य खाद्य सामग्री चट कर गये.चहारदीवारी तोड़ी, फसलों को पहुंचा नुकसान
हाथियों के झुंड ने एक दर्जन से अधिक लोगों की चहारदीवारी तोड़ दी और खेतों में लगे केला के पौधे, मकई व अन्य गरमा फसल को भी पूरी तरह से नुकसान पहुंचाया. पीड़ित संतोष वर्मा ने बताया कि रविवार की रात अचानक हाथियों का झुंड जोर से चिंघाड़ मारते हुए बड़की सरिया के पूर्वी छोर की ओर बढ़ रहे थे. आवाज सुनकर ईंट भट्ठा में काम करने वाले मजदूर भट्ठे पर चढ़ कर जान बचायी. झुंड ने संतोष वर्मा, राजू वर्मा, अनिल मंडल, तुलसी महतो आदि के लगभग 400 फीट चहारदीवारी तोड़ डाली. वहीं त्रिभुवन महतो के घर, दीवार व गेट को तोड़ दिया. अन्य किसानों की फसलों को भी नुकसान पहुंचाया.
सूचना पर सक्रिय हुआ विभागहाथियों के आबादी भरे इलाके में प्रवेश की सूचना पर वन विभाग सक्रिय हुआ. पटाखा फोड़, मशाल जला और हाथी भगाने के लिए विशेष सायरन वाला वाहन के मदद से कोशिश में जुट गया. सोमवार की दोपहर हाथियों का झुंड सरिया के राजदहधाम होते हुए बिरनी प्रखंड के दलांगी गांव में प्रवेश कर गया. सरिया वन विभाग में फॉरेस्टर अंशु पांडेय ने बताया कि जब भी हाथी किसी आबादी वाले इलाके में प्रवेश करता है, तो इसकी सूचना वन विभाग को दें. बेवजह उसे परेशान ना करें. परेशान करने से हाथी और आक्रामक होकर जानमाल को नुकसान पहुंचा सकते हैं. सरिया क्षेत्र से हाथियों को बाहर निकालने के लिए विशेषज्ञ को टीम बुलायी जा रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है