जुए के इस खेल में इलाके के कुछ बदमाशों के साथ-साथ कई सफेदपोश चेहरे भी शामिल हैं. ये लोग अंधेरे की आड़ में अपनी पहचान छिपाकर मोटी रकम का खेल खेलते हैं. अड्डों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहते हैं कोई अनजान चेहरा अंदर नहीं घुस सकता. प्रवेश के लिए किसी पुराने जुआरी या गारंटर की सिफारिश जरूरी होती है. अड्डा संचालक हर खेल पर अपनी नाल काटते हैं. खिलाड़ी जीते या हारे, संचालक की कमाई तय रहती है. कई अड्डों पर शराब, सिगरेट, गुटखा और यहां तक कि खाना-पीना तक उपलब्ध कराया जाता है ताकि खिलाड़ी पूरी रात वहां टिके रहें. आसपास के लोगों का कहना है कि इन जगहों पर देर रात तक बाइक और गाड़ियों की आवाजाही बनी रहती है, जिससे मोहल्ले का माहौल भी बिगड़ रहा है. इस जुए के खेल में युवा वर्ग तेजी से फंसता जा रहा है. कई प्रवासी मजदूर और छोटे दुकानदार भी एक दांव में अमीर बनने के लालच में अपनी मेहनत की कमाई दांव पर लगा रहे हैं. हारने के बाद भी उन्हें उम्मीद रहती है कि अगला हाथ किस्मत पलट देगा. नतीजा यह होता है कि लोग अपनी जमा पूंजी गंवाकर कर्ज और गिरवी की राह पकड़ लेते हैं.
पुलिस से भी ज्यादा मजबूत है जुआरियों का सूचना तंत्र
जुआरियों का नेटवर्क इतना मजबूत हो चुका है कि पुलिस को चकमा देना इनके लिए अब खेल बन गया है. पुलिस जैसे ही किसी अड्डे पर छापेमारी की योजना बनाती है, उससे पहले ही वहां बैठे जुआरियों तक इसकी भनक पहुंच जाती है. नतीजा यह होता है कि पुलिस पहुंचने से पहले ही अड्डा खाली हो जाता है और आरोपी फरार हो जाते हैं. सूत्र बताते हैं कि जुआरियों का अपना एक सूचना तंत्र है जो हर पल सतर्क रहता है. पुलिस गाड़ियों की आवाजाही, संदिग्ध नंबर प्लेट वाली गाड़ियां या किसी अनजान चेहरे की मौजूदगी की खबर मिनटों में अड्डे तक पहुंचा दी जाती है. मोबाइल नेटवर्क और वॉइस कॉल के जरिए अड्डों तक सूचना पहुंचाने के लिए कुछ खास लोगों को जिम्मेदारी दी गई है, जिन्हें जुआरी अपने निगरानी कर्मी की तरह इस्तेमाल करते हैं. कई बार ऐसा भी देखा गया है कि पुलिस की टीम जब तक जगह पर पहुंचती है, तब तक ताश की गड्डियां, पैसे और बाक़ी सामान गायब कर दिए जाते हैं. अड्डे पर बैठे लोग सामान्य बातचीत करते दिखते हैं, जिससे पुलिस को भी सबूत नहीं मिल पाता. लोगों का कहना है कि जुआरियों की सूचना तंत्र इतनी सटीक है कि ऐसा लगता है मानो उन्हें पुलिस की हर गतिविधि की पहले से जानकारी हो. सवाल यह उठता है कि आखिर ये खबरें उन्हें कैसे मिल जाती हैं. पुलिस सूत्रों के अनुसार कई बार यह देखा गया है कि अड्डों की जानकारी पुख्ता होने के बावजूद वहां पहुंचते ही सबकुछ खाली मिलता है. यह स्थिति कहीं न कहीं सूचना लीक होने के संदेह को और गहरा करती है.इन क्षेत्रों में लगते हैं जुए के अड्डे
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जुए के अड्डे पचंबा थाना क्षेत्र में चैताडीह पानी टंकी के पीछे, गौशाला रोड, सूगासार, हरिचक और जगपतारी के बीच स्थित मैदान के अलावा जोरबाद इलाके में रातभर ताश की गड्डियां खुल रही हैं. वहीं मुफस्सिल थाना क्षेत्र में भोरणडीहा, मोहनपुर, सिहोडीह के आदर्श नगर स्थित वाटर प्लांट के पास, उसरी नदी के किनारे, पांडेयडीह, शीतलपुर, मैगजिनिया और झरियागादी जैसे इलाकों में भी बड़े स्तर पर जुआ खेला जा रहा है. नगर थाना क्षेत्र की बात करें तो बरमशिया, करबल्ला रोड के नीचे, शास्त्री नगर, झिंझरी मोहल्ला, पंजाबी मोहल्ला और कोल्डीहा जैसे इलाकों में भी इसी तरह के अड्डे सक्रिय बताए जा रहे हैं. लोगों का कहना है कि इन जगहों पर देर रात तक गाड़ियों की आवाजाही बनी रहती है और संदिग्ध गतिविधियां आम हो गई हैं. कई लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पुलिस गश्ती के बावजूद इन अड्डों पर गतिविधियां बिना किसी डर के जारी हैं. अड्डों के संचालक इतने बेखौफ हैं कि कभी-कभी ये लोग खेतों, खाली प्लॉटों और अधूरे निर्माण स्थलों को भी अस्थायी ठिकाने के रूप में इस्तेमाल करते हैं.अलग-अलग टीम बनाकर की जायेगी छापेमारी : एसडीपीओ
सदर एसडीपीओ जीतवाहन उरांव ने बताया कि दीपावली से पहले शहर और आसपास के इलाकों में जुए के अड्डे सक्रिय होने की लगातार शिकायतें मिल रही हैं. पुलिस इन सूचनाओं की गहराई से जांच कर रही है. जैसे ही किसी स्थान का सटीक लोकेशन प्राप्त होगा, वहां तुरंत छापेमारी की जाएगी. उन्होंने कहा कि सभी थाना क्षेत्रों में अलग-अलग टीम गठित की जा रही है, ताकि एक साथ कई जगहों पर कार्रवाई की जा सके. कहा कि जुए के अड्डों पर पकड़े जाने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी. किसी भी स्थिति में अवैध गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
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