शैक्षणिक संस्था सहित कई सामाजिक संगठन बढ़-चढ़कर लगा रहे रक्तदान शिविर
युवा कर रहे हैं दायित्वों का निर्वहन
रक्तदान एक ऐसा कार्य है जो न केवल मानवता की सेवा करता है, बल्कि यह एक जीवनदायिनी प्रक्रिया भी है. रक्तदान करने से किसी की जिंदगी को हम बचा सकते हैं. यह एक ऐसा दान है जो समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का एहसास कराता है. आये दिन लोगों को दुर्घटना, ऑपरेशन या अन्य बीमारियों के कारण से रक्त की कमी का सामना करना पड़ता है. ऐसे में रक्त की आवश्यकताओं की पूर्ति में गिरिडीह रेड क्रॉस और ब्लड बैंक अहम भूमिका निभा रहा है. हाल के दिनों में रक्तदान के प्रति जनजागृति बढ़ी है. खासकर युवा रक्तदान कर अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करने में लगे हुए हैं. पिछले डेढ़ वर्ष की बात करें तो रेड क्रॉस के चेयरमैन अरविंद कुमार के कार्यकाल में शैक्षणिक संस्थाओं समेत कई सरकारी-गैरसरकारी और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में कई रक्तदान शिविरों का आयोजन किया जा चुका है. इन शिविरों के माध्यम से लगभग 15 हजार यूनिट रक्त संग्रह हुए हैं. गिरिडीह जिला बनने के बाद से लेकर कई वर्षों तक गिरिडीह के मरीज रक्त के कमी की समस्या से जूझते रहे हैं. इस दौरान कई रक्तदाता जरूरतमंदों को खून देकर मदद करते रहे. कई ऐसे रक्तदाता भी हैं, जो सौ से अधिक बार रक्तदान कर समाज में एक मिसाल कायम किये हैं. हाल के वर्षों में रक्त की जरूरत को समझते हुए रक्तदान शिविरों के आयोजन पर बल दिया गया और यह अब सार्थक रूप ले लिया है. रेड क्रॉस को शिविर आयोजित करने में जिला प्रशासन व जिला स्वास्थ्य समिति का भरपूर सहयोग मिल रहा है. उपायुक्त स्तर से रोस्टर बनाकर समाहरणालय समेत सभी अनुमंडल व प्रखंड कार्यालय में रक्तदान शिविर लगाया जाता है.
थैलेसिमिया सहित अन्य मरीजों को उपलब्ध कराया जाता है रक्त
जिले में थैलेसिमिया, सिकल सेल, एनीमिया व हीमोफीलिया पीड़ित मरीजों के साथ अन्य जरूरतमंदों को रक्त उपलब्ध कराया जाता है. उक्त बीमारी से पीड़ित मरीजों की संख्या लगभग 290 है, जिन्हें हर माह दो से तीन यूनिट रक्त की जरूरत पड़ती है. रेड क्रॉस के चेयरमैन अरविंद कुमार कहते हैं कि इन मरीजों को प्रति माह लगभग 700 यूनिट रक्त दिया जाता है. साथ ही जिन्हें रक्त की आवश्यकता होती है, उन्हें भी उपलब्ध कराया जाता है.डेढ़ साल में सौ से अधिक रक्तदान शिविर हुए
रेडक्रॉस के चेयरमैन श्री कुमार कहते हैं कि उनके कार्यकाल में सौ से अधिक रक्तदान शिविर आयोजित किये गये हैं. उरक्तदान में कबीर ज्ञान मंदिर, सीसीएल गिरिडीह, सुभाष इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, सलूजा स्टील, मोंगिया स्टील, कार्बन रिसोर्सेस, विश्वनाथ नर्सिंग होम, मारवाड़ी युवा मंच, प्रेरणा शाखा, स्कॉलर बीएड कॉलेज, कार्मेल स्कूल, स्व नरेंद्र सिन्हा फाउंडेशन, गिरिडीह प्रेस क्लब, माहुरी नवयुवक समिति, गोवर्धन लाल नर्सिंग होम, नवजीवन नर्सिंग होम, सहयोग हॉस्पिटल, शिवम क्लिनिक, सहयोग समिति सिहोडीह, आदर्श कॉलेज राजधनवार, सरिया कॉलेज सरिया, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, अनुमंडल कार्यालय, सभी प्रखंड कार्यालय, जामा मस्जिद कमेटी गिरिडीह, आरसीएम परिवार, रोटरी क्लब, साउंड यूनियन व सर्राफा संघ समेत अन्य संस्थाओं की सक्रिय भूमिका रही है.स्वस्थ लोगों को पुण्य कार्य में सहभागिता निभाने की जरूरत : अरविंद
रेडक्रॉस के चेयरमैन अरविंद कुमार कहते हैं कि रक्तदान महादान है. आपके एक यूनिट रक्त से तीन-तीन जरूरतमंद लोगों को नया जीवन मिलता है. पुण्य के इस कार्य में सभी स्वस्थ लोगों को अपनी सहभागिता निभाने की जरूरत है. कहा कि रक्तदान शिविरों में जागरूकता की कमी के कारण संख्या कम होती है. अभी भी कई लोगों को यह भ्रम है कि रक्तदान से शारीरिक कमजोरी होती है, जबकि यह गलत धारणा है. स्वस्थ व्यक्ति द्वारा रक्तदान करने पर कोई कमजोरी नहीं आती है. इस धारणा को दूर करने के लिए गांवों में जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

