थानेदार ने कहा-मामला प्राथमिकी दर्ज करने लायक नहीं
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पुलिस की स्कॉर्पियो, नंबर स्कूटर का
थानेदार ने कहा-मामला प्राथमिकी दर्ज करने लायक नहीं गिरिडीह : रांची से देवघर जा रही रिम्स की महिला चिकित्सक डॉ आदिति कश्यप के साथ गिरिडीह शहर में गत 17 फरवरी को दुर्व्यवहार, उनकी कार में तोड़फोड़ और ड्राइवर के साथ मारपीट की घटना ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिये हैं. पुलिस ने […]
गिरिडीह : रांची से देवघर जा रही रिम्स की महिला चिकित्सक डॉ आदिति कश्यप के साथ गिरिडीह शहर में गत 17 फरवरी को दुर्व्यवहार, उनकी कार में तोड़फोड़ और ड्राइवर के साथ मारपीट की घटना ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिये हैं. पुलिस ने इस मामले में अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की है. हालांकि एसपी ने दो पुलिसकर्मियों राजेंद्र यादव (आरक्षी संख्या 1284) और कुमार वर्द्धराज भास्कर (आरक्षी संख्या 1318) को निलंबित कर दिया है.
इधर मामले में चौंकाने वाली बात यह सामने आयी है कि जिस स्कार्पियो वाहन (जेएच 11 के 2319) पर क्विक रिस्पांस टीम के अधिकारी व जवान सवार थे, उसका नंबर फर्जी निकला है. नंबर की जांच जब एम परिवहन एप्प से की गयी तो उस नंबर का निबंधन स्कूटर के नाम है.
जांच में यह बात भी सामने आयी कि उक्त निबंधन में स्कूटर/मोटरसाइकिल का मालिक का नाम अतुल कुमार हेम्ब्रम है और वाहन का रजिस्ट्रेशन 29 जून 2013 को हुआ है. सवाल उठता है कि क्या पुलिस गैरकानूनी काम के लिए फर्जी नंबर वाले वाहन का इस्तेमाल करती है?
मामले में जिन दो जवानों राजेंद्र कुमार व कुमार वर्धराज भास्कर को निलंबित किया गया है, वे दोनों जवान एएसपी अभियान दीपक कुमार के साथ तैनात रहते थे. लेकिन बताया जा रहा है कि कुछ दिन पूर्व दोनों को हटा दिया गया था.
शिकायत में क्या कहा है लेडी डॉक्टर ने : घटना के बाद जो शिकायत डा. अदिति ने पुलिस के साथ-साथ सीएम से की है, उसमें पूरी घटना का विस्तृत जिक्र किया गया है. कहा गया है कि वह अपने टाटा नेक्सन वाहन पर सवार होकर रांची से देवघर जा रही थी. रास्ते में डुमरी बड़ा पुल के पास दो ट्रक दुर्घटनाग्रस्त हो गये और जाम की संभावना बन गयी. ऐसे में जाम से बचने के लिए उसके वाहन को चालक ने तेजी से निकाला. इसके बाद उसके वाहन में पीछे एक बलेनो व एक सफेद रंग की स्कॉर्पियो आने लगी. स्कॉर्पियो ने उसके वाहन का पीछा शुरू कर दिया.
मेरे वाहन के चालक ने स्कॉर्पियो को पास दिया तो स्कॉर्पियो के शीशे को नीचे उतारकर उस पर सवार लोगों ने कहा कि ‘रोकता क्यूं नहीं है रोक’. इससे मेरे वाहन का चालक नर्वस हो गया और अपने वाहन की रफ्तार को बढ़ा दिया. जब मेरा वाहन शहर के नजदीक पहुंच गया तो ड्राइवर ने वाहन की रफ्तार को कम कर दिया. इस बीच वही स्कॉर्पियो पहुंची और उसके वाहन को रोका गया.
स्कॉर्पियो से 12-13 लोग उतरे जिनके पास एके 47 राइफल थी. जवानों ने मेरे वाहन चालक के साथ मारपीट की और जब उसने कारण पूछा तो उसे चुप रहने को कहा गया. उसे धक्का दिया गया और दुर्व्यवहार भी किया गया.
सीएम के निर्देश पर निलंबन : घटना के बाद महिला डॉक्टर ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ट्वीट किया था. इस पर सीएम ने मंत्री को कार्रवाई का निर्देश दिया. इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री ने खुद गिरिडीह एसपी सुरेंद्र झा से इस मामले में बात की. गिरिडीह के थानेदार से पीड़ित महिला चिकित्सक का फोन नंबर लिया और उनसे बात कर घटना की पूरी जानकारी ली. उन्होंने एसपी को निर्देश दिया कि वे दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें.
मंत्री ने मामले को शर्मनाक बताते हुए गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह को भी पत्र लिखा. उन्होंने लिखा है कि क्या पुलिस को डॉक्टर की गाड़ी के बारे में कोई गुप्त सूचना मिली थी? क्या उसमें हथियार या कोई आपत्तिजनक चीज थी. आखिरक्यों ऐसा किया गया? यह घटना शर्मनाक है. एसपी ने दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया.
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