एक ही ड्राफ्ट को सरकारी खाते में और बाद में व्यक्तिगत खातों में जमा कर की गयी निकासी
गिरिडीह : एक ड्राफ्ट से दो बार रकम की निकासी कर 11.64 करोड़ रुपये के घोटाला का मामला सामने आया है. इसे लेकर गिरिडीह प्रधान डाकघर के डाकपाल सोमनाथ मित्रा ने नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी है.
प्राथमिकी में गिरिडीह प्रधान डाकघर के सहायक डाकपाल शशिभूषण कुमार (धनबाद जिले के पुरनाडीह बस्ती निवासी), गिरिडीह प्रधान डाकघर के निलंबित सहायक डाकपाल मो. अलताफ (देवघर के मधुपुर के पनियाकोला निवासी) व गिरिडीह टाउन उप डाकघर के उप डाकपाल बासुदेव दास को नामजद किया गया है.
दर्ज प्राथमिकी में घटना की तिथि तीन अक्तूबर 2016 से 30 अगस्त 2019 बतायी गयी है. नगर थाना प्रभारी अनिल कुमार ने प्राथमिकी की पुष्टि की है.
दर्ज प्राथमिकी में डाकपाल मित्रा ने कहा है कि गिरिडीह प्रधान डाकघर के अधीनस्थ विभिन्न उप डाकघरों में प्राप्त डिमांड ड्राफ्ट को रिसीव कर उप डाकपाल उसके साथ संलग्न खाताधारियों के एकाउंट में लिखी रकम को जमा करते हैं. इसके बाद डिमांड ड्राफ्ट प्रधान डाकघर गिरिडीह में नकदी प्रेषण के रूप में भेज देते हैं. प्रधान डाकघर में ट्रेजरर डिमांड ड्राफ्ट को उप डाकपाल के डेली एकाउंट के जरिये प्राप्त करते थे.
ट्रेजरर ही उस डिमांड ड्राफ्ट को बैंक से क्लियर करके सरकारी खाते में जमा कर देते थे. पुन: उसी डिमांड ड्राफ्ट की रकम को गिरिडीह टाउन उप डाकघर में खुले खातों में प्रधान डाकघर गिरिडीह के सहायक डाकपाल व्यक्तिगत खातों में जमा कर देते थे, लेकिन शाम को ट्रेजरी को भेजी जाने वाली फाइनल रिपोर्ट सहायक डाकपाल के काउंटर से नहीं भेजी जाती थी.
प्रधान डाकपाल का कहना है कि धोखा देकर एक ही डिमांड ड्राफ्ट से दुबारा व्यक्तिगत खाते में जमा कर दिया जाता था. यह रकम 11 करोड़ 64 लाख 38 हजार 635 रुपया तक पहुंच गयी. व्यक्तिगत खाते में क्रेडिट की गयी ड्राफ्ट की राशि की निकासी गिरिडीह टाउन उप डाकघर के उप डाकपाल के मदद से की गयी है.