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नहीं पहुंचीं डॉक्टर, गर्भवती की गयी जान

गिरिडीह : इलाज के अभाव में एक गर्भवती सदर अस्पताल में करीब 50 मिनट तक तड़पती रही. परिजन उसे बचाने के लिए नर्स से फरियाद करते रहे. परिजनों की फरियाद सुन नर्स महिला चिकित्सक को बार-बार कॉल करती रही, लेकिन चिकित्सक बार-बार कहती रही आते है-आते हैं और ऐसा करते-करते करीब पौने दो घंटे बीत […]

गिरिडीह : इलाज के अभाव में एक गर्भवती सदर अस्पताल में करीब 50 मिनट तक तड़पती रही. परिजन उसे बचाने के लिए नर्स से फरियाद करते रहे. परिजनों की फरियाद सुन नर्स महिला चिकित्सक को बार-बार कॉल करती रही, लेकिन चिकित्सक बार-बार कहती रही आते है-आते हैं और ऐसा करते-करते करीब पौने दो घंटे बीत गया. इसी बीच चिकित्सक के अस्पताल नहीं पहुंचने पर परिजन उसे बचाने के लिए जैसे लेबर रूम से अस्पताल के निचले वार्ड के बरामदे में लेकर आये कि दर्द से तड़प रही गर्भवती ने सुबह करीब 10 बजे दम तोड़ दिया. यह आरोप मृतका के परिजनों ने लगाया है.
अस्पताल की व्यवस्था पर सवाल : गिरिडीह नगर थाना क्षेत्र के सात नंबर योगीटांड़ निवासी मो सलीम की पत्नी शहीदा खातून की मौत के बाद एक बार फिर सदर अस्पताल की व्यवस्था पर सवाल उठ रहा है. इधर, सदर अस्पताल में गर्भवती की मौत की सूचना मिलते ही सदर अस्पताल के नोडल पदाधिकारी सह प्रशिक्षु आइएएस प्रेरणा दीक्षित अस्पताल पहुंचीं.
वहां उन्होंने डयूटी से गायब महिला चिकित्सक डाॅ सर्जना शर्मा को बुलाकर जमकर क्लास ली और इस घटना को महिला चिकित्सक की लापरवाही से मौत बताते हुए उसपर कार्रवाई की बात कही. नोडल अधिकारी के साथ एसडीएम विजया जाधव भी सदर अस्पताल पहुंची और मृतका का बीएसटी देख कर गर्भवती की मौत का कारण चिकित्सक की लापरवाही बताया.
क्या कहते हैं परिजन
मृतका के पति मो सलीम ने बताया कि रविवार सुबह करीब 9.10 बजे शहीदा को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वह दर्द से तड़प रही थी. वहां चिकित्सक नहीं थी. परिचारिका ने उसे भर्ती लेकर इसकी सूचना रोस्टर ड्यूटी के अनुसार डाॅ सर्जना शर्मा को मोबाइल पर दी. उन्हें तत्काल बुलाया गया, लेकिन वह सदर अस्पताल आने की बजाय परिचारिका को निर्देश देती रहीं. 40 मिनट बीत जाने पर शहीदा उल्टी करने लगी. इसकी सूचना पर डॉ सर्जना ने एसीलॉक का इंजेक्शन देने का निर्देश परिचारिका आशा कुमारी को दिया. निर्देशानुसार उसे इंजेक्शन भी लगाया गया, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं आया. बताया कि करीब 50 मिनट बीत जाने के बाद भी चिकित्सक ने पहुंचीं. सलीम ने कहा कि परिचारिका ने उसे रिस्क बांड भरने को कहा, लेकिन उसने मना कर दिया.
इसके बाद मरीज को वापस ले जाने को कहा गया. उसकी बात सुन वह अपनी गर्भवती पत्नी शाहीदा को बाहर ले जाने लगा. लेबर रूम से निकालकर जैसे ही उसे नीचे लाया गया कि बरामदे से बाहर आते ही करीब 10 बजे शाहीदा सुस्त पड़ गयी. इसी बीच वहां अस्पताल उपाधीक्षक डाॅ बीएन झा पहुंचे. उन्होंने महिला की नब्ज देखकर बताया कि उसकी मौत हो चुकी है. बताया कि इसके बाद भी उसे नवजीवन नर्सिंग होम ले जाया गया.
वहां चिकित्सक ने उसे मृत बताकर पुन: सदर अस्पताल भेज दिया. सदर अस्पताल के ओपडी में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ एसके सिंह ने भी उसे मृत घोषित कर दिया. सदर अस्पताल में महिला की मौत हो जाने की खबर अस्पताल के कर्मचारियों और चिकित्सकों तक पहुंचते ही अस्पताल में हंगामा होने की आशंका को देख आनन-फानन में एक टेंपो की व्यवस्था कराकर तत्काल शव को परिजनों के साथ उसके घर भेज दिया गया.

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