पूर्व मंत्री मिथिलेश ठाकुर पहुंचे गढ़वा. मंगलवार को गढ़वा सदर अस्पताल में एक मरीज की मौत के बाद उसके परिजनों ने जमकर हंगामा किया. परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही और ऑक्सीजन के अभाव के कारण मौत होने का गंभीर आरोप लगाया. हंगामा बढ़ने पर अस्पताल प्रबंधन को पुलिस बुलानी पड़ी, हालांकि पुलिस के पहुंचने से पहले ही मामला शांत हो गया था. गढ़वा थाना क्षेत्र के बेलहरा गांव नंदकिशोर दुबे (48 वर्ष) की मंगलवार को गढ़वा सदर अस्पताल में मौत हो गयी. बताया गया कि नंदकिशोर दुबे को 6 नवंबर को लगभग 10 बजे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था.अस्पताल प्रबंधन की मानें, तो उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए, चिकित्सकों ने सात नवंबर को उन्हें बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया था, हालांकि, परिजन उन्हें रेफर कराने के बजाय पेइंग वार्ड में भर्ती कराकर सदर अस्पताल में ही इलाज करवा रहे थे. परिजनों के अनुसार, इलाज के दौरान नंदकिशोर दुबे लगातार ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे. मंगलवार को लगभग 11 बजे सदर अस्पताल में उनकी मौत हो गयी. परिजनों ने आरोप लगाया कि नंदकिशोर दुबे की मौत का मुख्य कारण ऑक्सीजन का उपलब्ध न होना है, उनका कहना था कि यदि उन्हें समय पर ऑक्सीजन उपलब्ध कराया जाती, तो उनकी जान बच सकती थी. बताया जाता हैं कि गढ़वा सदर अस्पताल में दो-दो ऑक्सीजन प्लांट बनाये गये हैं, लेकिन एक भी काम का नहीं है, सभी खराब है. घटना की जानकारी मिलने के बाद पूर्व मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर तत्काल गढ़वा सदर अस्पताल पहुंचे और उन्होंने परिजनों से मिलकर पूरे मामले की विस्तृत जानकारी ली,निधन पर शोक जताया, अस्पताल की व्यवस्था दुरुस्त करने को भी कहा . बताया गया नंद किशोर दूबे तिलदाग के पूर्व मुखिया अरुण दुबे के बड़े भाई थे.
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