प्रभात खबर आपके द्वार कार्यक्रम में ग्रामीणों अपनी-अपनी समस्याएं रखीं
चुनाव के समय इलाके में नेता आते हैं और कई वादे करते हैं, लेकिन चुनाव के बाद जनप्रतिनिधि कभी नहीं आते. इसके कारण गंगाटोली आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. गांव में चार हैंडपंप हैं और एक जलमिनार भी है, लेकिन लोगों को पानी नहीं मिल रहा है. इसको लेकर विधायक, सांसद व मुखिया से भी पहल करने का अनुरोध किया गया, लेकिन परिणाम शून्य रहा.
– जोखन पाल, ग्रामीण
प्रभात खबर का यह अभियान सराहनीय है. आज के दौर में आम लोगों की बात सुनकर कोई अमल करने वाला नहीं है. प्रभात खबर का यह मंच आम लोगों की बातों को जिम्मेदारों तक पहुंचाने का काम कर रहा है. गांव में शिक्षा, पानी और किसानों की सुविधाओं का अभाव है, लेकिन प्रखंड के अधिकारी समाधान के लिए चिंतित नहीं है. वे बस नौकरी बचाने और वसूली के काम में लगे हैं. – वीरेंद्र पाल, ग्रामीण
15 साल पहले गांव में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत बिजली का पोल लगाये गये थे. तब गांव में खुशी का माहौल था. लोगों ने उत्साह के साथ स्वयं श्रम कर बिजली का खंभे गाड़े थे, लेकिन उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया. आज तक यहां बिजली नहीं पहुंची. विभागीय अधिकारी आज तक इसकी सुधि लेने नहीं पहुंचे. लोग आज भी ढिबरी युग में जीने को मजबूर हैं. – विनय पाल, ग्रामीण
सरकार की ओर से किसानों को खाद बीज उपलब्ध कराने की कोई व्यवस्था नहीं की गयी. ऐसे में इस क्षेत्र के किसानों को ऊंचे दामों पर खाद बीज खरीदना पड़ रहा है. किसानो को काफी मुश्किल से 400 रुपये में एक बोरी यूरिया मिल रहा है. वहीं 1600 में डीएपी खाद खरीदने को किसान मजबूर हैं. इससे गरीब किसानों को काफी परेशानी हो रही है. इस पर कार्रवाई की जरूरत है. – देवकुमार कोरवा, ग्रामीण
आज तक गांव में पक्की सड़क नहीं पहुंची है. 50 घर व 300 की आबादी वाले गंगाटोली में पाल, विश्वकर्मा, खरवार और आदिम जनजाति समुदाय के लोग रहते हैं, लेकिन इनकी समस्याओं के समाधान को लेकर कोई भी चिंतित नहीं है. बारिश में गांव तक पहुंचना काफी मुश्किल हो जाता है. लोग प्रखंड कार्यालय से कट जाते हैं. अधिकारी इस मामले पहल करने की जरूरत है.
– बिहारी कोरवा, ग्रामीण
डिजिटल इंडिया का सपना यहां अधूरा है. गांव में नेटवर्क की समस्या है. ऐसे में राशन लेने में काफी परेशानी होती है. गांव में ही राशन की दुकान है, लेकिन नेटवर्क की समस्या के कारण मशीन में अंगूठा लगाने के लिए दो किमी दूर पंचायत मुख्यालय जाना पड़ता है. गांव में नेटवर्क सुविधा नहीं होने से ऑनलाइन सरकारी कार्यों के लिए रमकंडा जाना पड़ता है.
– माना देवी, ग्रामीण
इलाके में हाथियों का कहर है. अपनी जमापूंजी लगाकर यहां के लोग बारिश में खेती करते हैं, लेकिन फसल तैयार होते ही हाथियों का झुंड गांव में पहुंचने लगता है और फसलों को बर्बाद कर देता है. बची फसल को जब किसान घर में लाते हैं, तो वहां भी पहुंचकर हाथियों का झुंड घरों को क्षतिग्रस्त कर देता है. यह सिलसिला हर साल जारी रहता है. काफी परेशानी होती है. – प्रेमनी देवी, ग्रामीण
गांव में सरकारी स्कूल खोला गया है, लेकिन स्कूल तक पहुंचने के लिए सड़क की कोई व्यवस्था नहीं है. विद्यालय में बच्चों के लिए पानी की भी व्यवास्था नहीं है. विद्यालय में किचन शेड भी नहीं है. बारिश में मध्याहन भोजन बनाने में काफी परेशानी होती है, लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी चुप्पी साधे हुए है. इस ओर विभाग के अधिकारियों को पहल करने की जरूरत है.
– फूलमतिया देवी, ग्रामीण
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