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राधा कृष्ण अस्पताल व अल्ट्रासाउंड सेंटर में चिकित्सीय कार्य पर रोक

निरीक्षण के दौरान अस्पताल का संचालक नहीं था मौजूद, सिविल सर्जन ने की कार्रवाई

निरीक्षण के दौरान अस्पताल का संचालक नहीं था मौजूद, सिविल सर्जन ने की कार्रवाई – सिविल सर्जन ने अस्पताल का लाइसेंस किया निलंबित – इससे पहले एसडीएम की जांच में भी सामने आयी थी अनियमितताएं प्रतिनिधि, गढ़वा मझिआंव स्थित राधा कृष्ण हॉस्पिटल एवं अल्ट्रासाउंड सेंटर में चिकित्सीय कार्य पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गयी है. सिविल सर्जन डॉ जान एफ केनेडी ने सोमवार को अस्पताल का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान अस्पताल संचालक मौजूद नहीं थे. इसके बाद उन्होंने तत्काल अस्पताल का लाइसेंस निलंबित करते हुए चिकित्सीय कार्य रोकने का आदेश दिया. सिविल सर्जन ने कहा कि निजी अस्पतालों का संचालन मानक के अनुरूप होना चाहिये. इसी उद्देश्य से निरंतर जांच अभियान चलाया जा रहा है. गौरतलब है कि पिछले सोमवार को गढ़वा एसडीएम संजय कुमार ने इस सेंटर का औचक निरीक्षण किया था.जांच के दौरान कई गंभीर अनियमितताएं सामने आयी थीं. निरीक्षण के समय अस्पताल संचालक राजनीकांत वर्मा की पत्नी कविता कुमारी को ऑपरेशन करते हुए पाया गया. इसी दौरान एक व्यक्ति निरीक्षण दल को देखकर पिछले दरवाजे से भाग गया. मौके पर आधा दर्जन मरीज ऑपरेशन के बाद लेटे हुए मिले, जबकि कई अन्य अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे. प्रथम तल पर भर्ती एक मरीज के परिजन ने बताया कि वे बच्चेदानी का ऑपरेशन कराने आये थे और ऑपरेशन कुछ ही देर पहले हुआ है. पूछताछ में कविता कुमारी ने खुद को बीएएमएस डिग्रीधारी बताया और स्वीकार किया कि अनुभव के आधार पर ऑपरेशन व एनेस्थीसिया का कार्य करती हैं. जब एसडीएम ने पूछा कि बीएएमएस डिग्रीधारी बड़े ऑपरेशन और एनेस्थीसिया कैसे कर सकती हैं, तो संचालक कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाये थे. जांच में यह भी सामने आया कि मरीजों को दिए जाने वाले मेडिकल पर्चों पर कविता कुमारी ने खुद को स्त्री रोग विशेषज्ञ और चिकित्सा पदाधिकारी, झारखंड सरकार लिखा है. जब उनसे विशेषज्ञ होने का प्रमाण पूछा गया तो उन्होंने कोई उत्तर नहीं दिया. वहीं, सरकारी चिकित्सक होने के दावे पर उन्होंने कहा कि वे मझिआंव सामुदायिक अस्पताल में प्रतिनियुक्त हैं, लेकिन मूल नियुक्ति के बारे में कुछ नहीं बताया. मरीजों का कोई रजिस्टर व रिकॉर्ड नहीं मिला बीते दिनों एसडीएम की जांच के दौरान अस्पताल में भर्ती मरीजों का कोई रजिस्टर, रिकॉर्ड या दस्तावेज भी नहीं मिला. इस पर एसडीएम ने तत्काल सिविल सर्जन को मामले की जानकारी दी. इसके बाद डॉ केनेडी स्वयं जांच करने पहुंचे और कार्रवाई की. उन्होंने स्पष्ट किया कि आमजनों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. अस्पताल संचालकों के सहयोग नहीं करने की स्थिति में विधिसम्मत कार्रवाई की जायेगी.

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