सिल्वर जुबली. राज्य स्थापना के 25 वर्षों में गढ़वा की पहचान बदली, उल्लेखनीय रही प्रगति जितेंद्र सिंह, गढ़वा झारखंड राज्य अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे कर चुका है और इस सिल्वर जुबली यात्रा में गढ़वा जिले का विकास विशेष रूप से उल्लेखनीय रहा है. कभी बुनियादी सुविधाओं, जल संकट और संसाधनों की कमी से जूझने वाला यह जिला आज सिंचाई, शिक्षा, सड़क, खेल, प्रशासन और धार्मिक पर्यटन के क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ रहा है. पिछले ढाई दशकों में हुए व्यापक बदलावों ने जिले की पहचान को पूरी तरह बदल दिया है. झारखंड के 25 वर्ष पूरे होने पर गढ़वा की विकास यात्रा यह दर्शाती है कि प्रभावी योजनाएं, मजबूत प्रशासन और जनसहभागिता किसी भी जिले को नयी ऊंचाइयों पर ले जा सकती हैं. आज गढ़वा एक उभरता हुआ, आधुनिक और संभावनाओं से भरा जिला बनकर झारखंड के अग्रणी जिलों में शामिल होने की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है. यहां 25 वर्ष के सफर में मिली प्रमुख उपलब्धियों का विवरण प्रस्तुत है. गढ़वा की 25 साल की विकास यात्रा 1169.28 करोड़ की सोन–कनहर मेगा लिफ्ट इरीगेशन परियोजना गढ़वा की सबसे बड़ी उपलब्धियों में सोन–कनहर मेगा लिफ्ट इरीगेशन प्रोजेक्ट प्रमुख है. 271 किमी लंबी पाइपलाइन दो मीटर गहराई में बिछायी जा रही है, ताकि किसानों के कार्य प्रभावित न हों. यह परियोजना 14,240 हेक्टेयर जमीन में सिंचाई और 3.28 लाख लोगों को पेयजल की सुविधा देगी. 1169.28 करोड़ की यह योजना जिले को स्थायी जल समाधान प्रदान करेगी. शिक्षा के क्षेत्र में हुआ गढ़वा का विस्तार जिले में कृषि महाविद्यालय, डेंटल कॉलेज, बीएड कॉलेज, पॉलिटेक्निक कॉलेज और नर्सिंग कॉलेज की स्थापना ने गढ़वा को उच्च एवं तकनीकी शिक्षा का महत्वपूर्ण केंद्र बना दिया है. इससे युवाओं को रोजगार और प्रशिक्षण के अवसर मिले हैं तथा पलायन में कमी आयी है. स्थानीय प्रतिभाओं को अब अपने ही जिले में आगे बढ़ने का अवसर प्राप्त हो रहा है. 54.57 करोड़ का नया समाहरणालय भवन प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करने के लिए 54.57 करोड़ की लागत से नया समाहरणालय भवन बनाया गया है. अनेक सरकारी विभाग अब एक ही परिसर से संचालित हो रहे हैं, जिससे कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और गति आई है. 10 करोड़ का नीलांबर–पीतांबर सांस्कृतिक भवन और बस स्टैंड शहरी विकास के तहत गोविंद उच्च विद्यालय परिसर में लगभग 7 करोड़ की लागत से नीलांबर–पीतांबर बहुउद्देशीय सांस्कृतिक भवन और करीब 3 करोड़ की लागत से नये बस स्टैंड का निर्माण कराया गया है. इसके अलावा शहर के मुख्य मार्गों, नदियों और सार्वजनिक स्थलों के सौंदर्यीकरण पर भी व्यापक कार्य हुआ है. 1129.48 करोड़ का 22 किमी बायपास रोड गढ़वा की परिवहन व्यवस्था को आधुनिक स्वरूप देने वाले 22 किलोमीटर लंबे बाईपास रोड का निर्माण 1129.48 करोड़ रुपये की लागत से किया गया. जुलाई 2025 में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा उद्घाटन किये गये इस बायपास ने शहर की भीड़भाड़ में उल्लेखनीय कमी लायी है. यह एनएच-75 के जरिए शंखा (पलामू) से खजुरी (गढ़वा) को जोड़ता है. राष्ट्रीय पहचान बना श्री बंशीधर महोत्सव धार्मिक पर्यटन में भी गढ़वा ने बड़ी छलांग लगायी है. 32 मन सोने के विश्व प्रसिद्ध श्री बंशीधर मंदिर में आयोजित राजकीय श्री बंशीधर महोत्सव अब राष्ट्रीय आकर्षण का केंद्र बन चुका है. इसके अलावा मां गढ़देवी मंदिर का पुनर्निर्माण, सतबहिनी झरना का सौंदर्यीकरण और अन्नराज डैम में नौका विहार की सुविधा ने पर्यटन को नयी पहचान दी है. 13 करोड़ का हेलीपैड व बिरसा मुंडा पार्क कल्याणपुर में 13 करोड़ रुपये की लागत से हेलीपैड और बिरसा मुंडा पार्क का निर्माण शहर को आधुनिक स्वरूप देता है. हेलीपैड से आपातकालीन सेवाओं में तेजी आई है, जबकि पार्क युवाओं के मनोरंजन और खेल गतिविधियों का नया केंद्र बना है. राज्य का पहला सिंथेटिक फुटबॉल स्टेडियम खेल सुविधाओं में रामा साहू स्टेडियम के बाद राज्य का पहला सिंथेटिक फुटबॉल स्टेडियम गढ़वा में बना है. इससे खिलाड़ियों को आधुनिक प्रशिक्षण सुविधाएं मिलने लगी हैं और जिले की खेल प्रतिभाओं को नयी उड़ान मिली है.
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