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स्वास्थ्य सेवाओं में गढ़वा की धाक, डायलिसिस के लिए यूपी से पहुंचते हैं मरीज

स्वास्थ्य सेवाओं में गढ़वा की धाक, डायलिसिस के लिए यूपी से पहुंचते हैं मरीज

सदर अस्पताल में बढ़ती स्वास्थ्य सेवाओं से रिजनल हेल्थ हब के रूप में पहचान बना रहा गढ़वा प्रभाष मिश्रा, गढ़वा गढ़वा जिला अब सिर्फ झारखंड के लिए ही नहीं, बल्कि पड़ोसी राज्यों उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ के लिए भी एक महत्वपूर्ण चिकित्सा केंद्र के रूप में उभर रहा है. गढ़वा की सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं पर इन राज्यों के मरीजों का बढ़ता भरोसा इस बात का प्रमाण है कि जिला एक प्रभावी रिजनल हेल्थ हब के रूप में अपनी पहचान स्थापित करने की दिशा में सक्रियता से काम कर रहा है. गढ़वा सदर अस्पताल में स्थापित डायलिसिस यूनिट ने इस क्षेत्र को एक प्रमुख स्वास्थ्य केंद्र बना दिया है. अस्पताल में अब छह बेड वाला डायलिसिस यूनिट संचालित है, जबकि पहले यह तीन बेड पर पीपीपी मोड पर चलता था. अब नियमित रूप से 38 मरीज डायलिसिस के लिए अस्पताल में इलाज करा रहे हैं, जिनमें दो मरीज उत्तर प्रदेश के हैं रेणुकूट के नीतिश सिंह और विढ़मगंज के रामविचार यादव, जो लगातार लंबी दूरी तय कर इलाज के लिए यहां पहुंचते हैं. मिल रही सस्ती और गुणवत्तापूर्ण सेवाएं गंभीर किडनी रोगियों के लिए गढ़वा का सरकारी अस्पताल महंगे और दूर स्थित निजी अस्पतालों के मुकाबले एक सस्ता और भरोसेमंद विकल्प बन चुका है. कम खर्च, गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं और घर के करीब उपलब्ध सुविधाएं पड़ोसी राज्यों के मरीजों को गढ़वा आने के लिए प्रेरित कर रही हैं. गढ़वा की भौगोलिक स्थिति (झारखंड, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीमा पर) इसे स्वाभाविक रूप से एक क्षेत्रीय स्वास्थ्य केंद्र बनने की क्षमता प्रदान करती है. विशेषज्ञों के मुताबिक, गढ़वा में गुणवत्तापूर्ण और किफायती स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता ने इसे एक केंद्रीय स्थान बना दिया है. अगर यहां ट्रॉमा केयर, बर्न यूनिट, और उन्नत रेडियोलॉजी जैसी विशिष्ट सेवाओं का विस्तार किया जाये, तो यह लाखों लोगों के लिए एक जीवन रक्षक केंद्र बन सकता है. गढ़वा सदर अस्पताल में प्रत्येक माह सौ से अधिक मरीज इलाज के लिए आते हैं, जो इस बात का संकेत है कि क्षेत्रीय स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं की बढ़ती मांग है. स्वास्थ्य व्यवस्था को अपग्रेड करने दी दिशा में सक्रियता से हो रहा काम : सिविल सर्जन गढ़वा के सिविल सर्जन डॉ जॉन एफ केनेडी ने कहा कि मरीजों के बढ़ते दबाव को देखते हुए गढ़वा की स्वास्थ्य व्यवस्था को अपग्रेड करने की दिशा में सक्रियता से काम किया जा रहा है. आगे सदर अस्पताल में डायलिसिस और विशिष्ट विभागों में बेड और उपकरणों की संख्या बढ़ाना, नेफ्रोलॉजी, कार्डियोलॉजी जैसी विशेषज्ञताओं में स्थायी डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति की योजना है. अस्पताल परिसर में बुनियादी सुविधाओं का विस्तार, जिसमें लॉजिस्टिक और वेटिंग एरिया बनाने की योजना शामिल हैं. सिविल सर्जन के अनुसार, गढ़वा को एक मॉडल सरकारी स्वास्थ्य केंद्र के रूप में स्थापित करने की योजना है, जिससे यह न केवल झारखंड के, बल्कि पड़ोसी राज्यों के लोगों के लिए भी एक स्वास्थ्य सेवा का महत्वपूर्ण केंद्र बन सके.

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