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जिले में लग्न के सीजन में 100 करोड़ के जेवरात की बिक्री की उम्मीद

स्वर्ण कारोबार का अंतरराज्यीय केंद्र है गढ़वा, 18 नवंबर से शुरू हो रहा शुभ लग्न, बाजारों में लौटने लगी रौनक

स्वर्ण कारोबार का अंतरराज्यीय केंद्र है गढ़वा, 18 नवंबर से शुरू हो रहा शुभ लग्न, बाजारों में लौटने लगी रौनक जितेंद्र सिंह, गढ़वा गढ़वा जिला इन दिनों आभूषण कारोबार का नया केंद्र बनता जा रहा है. उत्तर प्रदेश, बिहार और छत्तीसगढ़ की सीमाओं से सटा यह जिला अब पूरे पलामू प्रमंडल की सबसे बड़ी आभूषण मंडी बन चुका है. शादी-विवाह का मौसम शुरू होने से पहले यहां के बाजारों में रौनक लौट आयी है. व्यापारी अनुमान लगा रहे हैं कि इस बार करीब 100 करोड़ रुपये के जेवरात की बिक्री हो सकती है. गढ़वा के सर्राफा व्यवसायियों के अनुसार, सामान्य दिनों में यहां प्रति माह 20 से 30 लाख रुपये का कारोबार होता है, लेकिन 18 नवंबर से शुरू हो रहे विवाह सीजन में यह बिक्री कई गुना बढ़ जायेगी. व्यापारियों को इस बार करीब 100 करोड़ रुपये के कारोबार की उम्मीद है. सामान्य दिनों में भी यहां के बाजारों में ग्राहकों की भीड़ लगी रहती है. हॉलमार्क सेंटर, कुशल कारीगरों की उपस्थिति, और सीमावर्ती राज्यों के खरीदारों के आकर्षण ने गढ़वा को अब पलामू प्रमंडल की सबसे बड़ी आभूषण मंडी बना दिया है. आने वाले वर्षों में यह बाजार झारखंड के प्रमुख स्वर्ण व्यापार केंद्रों में शामिल हो सकता है. गढ़वा में 500 से अधिक आभूषण की दुकानें, 200 दुकानें मुख्यालय में गढ़वा के हर गली-मोहल्ले में सोने-चांदी की दुकानें दिखायी देती हैं. जिले में करीब 500 दुकानें हैं, जिनमें से 200 से अधिक सिर्फ जिला मुख्यालय में स्थित हैं. यह इस बात का प्रमाण है कि गढ़वा की पहचान अब “स्वर्ण नगरी” के रूप में बनती जा रही है. 200 स्थानीय कारीगर गढ़ते हैं पारंपरिक जेवर गढ़वा में लगभग 200 कारीगर सक्रिय हैं, जो पारंपरिक डिजाइन वाले सुंदर और टिकाऊ जेवर बनाते हैं. स्थानीय स्तर पर तैयार किये गये ये आभूषण अपनी शुद्धता और आकर्षक डिजाइन के लिए प्रसिद्ध हैं. इनकी सप्लाई जिले के साथ-साथ अन्य जिलों की दुकानों में भी की जाती है. गढ़वा में झारखंड का दूसरा हॉलमार्क सेंटर गढ़वा की एक बड़ी उपलब्धि यह है कि यहां झारखंड का दूसरा हॉलमार्क सेंटर संचालित है. राज्य में रांची, गढ़वा और देवघर में ही यह सुविधा उपलब्ध है. अग्रवाल मोहल्ला स्थित तिरुपति बालाजी हॉलमार्क सेंटर की स्थापना जिला सर्राफा स्वर्णकार संघ के अध्यक्ष भुवनेश्वर सोनी के प्रयास से हुई. अब ग्राहकों को सोने की शुद्धता जांचने के लिए अन्य जिलों में नहीं जाना पड़ता. क्या है हॉलमार्क और इसका लाभ हॉलमार्क सेंटर पर सोने की शुद्धता की जांच कैरोमीटर मशीन से की जाती है, जिससे 18, 20 और 22 कैरेट तक की माप होती है. अब केंद्र सरकार ने इसे अनिवार्य कर दिया है. छह अंकों का अल्फान्यूमेरिक कोड हर हॉलमार्क वाले जेवर पर अंकित रहता है, जो उसकी शुद्धता की गारंटी देता है. हीरे के आभूषणों की बिक्री नहीं गढ़वा में स्वर्ण आभूषणों की बड़ी मंडी होने के बावजूद हीरा जड़ित ज्वेलरी यहां उपलब्ध नहीं है. देश के प्रमुख ब्रांड तनिष्क का शोरूम अभी तक यहां नहीं खुला है. इसलिए प्रीमियम ज्वेलरी खरीदने वाले ग्राहकों को रांची, बनारस या मेदिनीनगर जाना पड़ता है. हाल ही में मेदिनीनगर में तनिष्क शोरूम खुलने से गढ़वा के ग्राहक वहीं से खरीदारी कर रहे हैं. देश के बड़े शहरों से आती हैं नयये डिजाइन के आभूषण गढ़वा में अब आधुनिक डिजाइनों वाले फैंसी जेवरों की मांग तेजी से बढ़ी है. इनकी आपूर्ति मुंबई, दिल्ली, राजकोट, कोलकाता और बनारस से होती है. इन शहरों से आने वाले हार, अंगूठी, झुमका, टॉप्स, चेन, पायल और कमरधनी जैसी वस्तुएं ग्राहकों में काफी लोकप्रिय हैं. तीन राज्यों तक पहुंचता है गढ़वा का होलसेल कारोबार गढ़वा न केवल खुदरा बल्कि होलसेल आभूषण कारोबार के लिए भी जाना जाता है. यहां से न सिर्फ जिले के 20 प्रखंडों में, बल्कि उत्तर प्रदेश, बिहार और छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती इलाकों में भी व्यापारी खरीदारी करने आते हैं. महाराष्ट्र और बंगाल के कारीगरों का योगदान गढ़वा के आभूषण उद्योग में महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल के कारीगरों का भी अहम योगदान है. लगभग 24 दुकानों का संचालन इन राज्यों के कारीगर करते हैं. बंगाल के कारीगर जहां डिजाइनिंग और फिनिशिंग में माहिर हैं, वहीं महाराष्ट्र के कारीगर रिफाइनिंग विशेषज्ञ हैं. ………… गढ़वा में हॉलमार्क सेंटर का खुलना गर्व की बात : भुवनेश्वर सोनी गढ़वा जिला सर्राफा स्वर्णकार संघ के अध्यक्ष भुवनेश्वर सोनी ने कहा कि गढ़वा में हॉलमार्क सेंटर का खुलना हमारे लिए गर्व की बात है. यह पूरे पलामू प्रमंडल की सबसे बड़ी आभूषण मंडी है. त्योहार और विवाह के सीजन में आभूषणों की मांग कई गुना बढ़ जाती है, जबकि सामान्य दिनों में भी बिक्री स्थिर रहती है. सोना के भाव बढ़ने से कारोबार पर असर : दौलत सोनी जिला स्वर्णकार संघ के अध्यक्ष दौलत सोनी ने कहा कि सोने की कीमत बढ़ने से कारोबार पर असर पड़ा है. ग्राहक अब जरूरत भर का ही सोना खरीद रहे हैं. हालांकि, हमें उम्मीद है कि शादी विवाह के सीजन में बिक्री में जबरदस्त उछाल आयेगा.

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