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गढ़वा में शिक्षा व्यवस्था बदहाल, प्राथमिक विद्यालय के लिए बहाल पारा शिक्षक 10वीं के विद्यार्थियों को

विद्यालय में नियुक्त चारों शिक्षक प्राथमिक विद्यालय के लिए बहाल हुए थे. तब यह विद्यालय प्राथमिक कक्षा तक ही था. बाद में यह प्राथमिक से मध्य और मध्य से उच्च विद्यालय में उत्क्रमित हो गया.

नंद कुमार, रंका :

शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए पंचायत व गांव-टोला स्तर पर स्कूल खोले गये हैं. पर स्कूलों में शिक्षक नहीं होने से स्कूल खोलने का लाभ बच्चों को नहीं मिल रहा है. इसका उदाहरण रंका प्रखंड का सिरोईकला उत्क्रमित उच्च विद्यालय है. इस विद्यालय में शिक्षकों की भारी कमी है. इससे यहां के विद्यार्थियों का भविष्य अंधकारमय दिखता है. इस विद्यालय में कक्षा एलकेजी से 10वीं तक की पढ़ाई होती है. यहां विद्यार्थियों की कुल संख्या 367 है. इनमें से 150 छात्र-छात्राएं उटच्च विद्यालय के हैं. इन सभी 367 विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए प्रधानाध्यापक को मिलाकर विद्यालय में मात्र चार शिक्षक प्रतिनियुक्त हैं.

इनमें से तीन पारा (सहायक) शिक्षक हैं. विद्यालय में नियुक्त चारों शिक्षक प्राथमिक विद्यालय के लिए बहाल हुए थे. तब यह विद्यालय प्राथमिक कक्षा तक ही था. बाद में यह प्राथमिक से मध्य और मध्य से उच्च विद्यालय में उत्क्रमित हो गया. लेकिन यहां अन्य शिक्षकों की पदस्थापना नहीं की गयी. गौरतलब है कि सिरोईकला प्राथमिक विद्यालय वर्ष 2012 में उत्क्रमित मध्य विद्यालय बना है. इसके बाद वर्ष 2015-16 में इसे उत्क्रमित उच्च विद्यालय का दर्जा मिला. पर उच्च विद्यालय में एक भी शिक्षक की प्रतिनियुक्ति नहीं हुई. इसका प्रभाव विद्यालय के पठन-पाठन पर पड़ रहा है.

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नहीं हो पा रही परीक्षा की तैयारी : 

छात्रा अंशु कुमारी ने कहा कि विद्यालय में शिक्षकों की कमी है. उच्च विद्यालय में एक भी शिक्षक नहीं हैं. अंशु ने कहा कि उनकी पढ़ाई भगवान भरोसे है. गीता कुमारी ने कहा कि शिक्षक नहीं रहने से पढ़ाई होती ही नहीं है. हमें खुद पढ़ना होता है. गणित, अंग्रेजी व साइंस विषय में बहुत परेशानी होती है. उधर छात्र राजू कुमार व धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि उन्हें वर्ष 2024 में मैट्रिक की परीक्षा देनी है. लेकिन उनकी विषयवार पढ़ाई नहीं हुई है. स्वाध्याय से ही परीक्षा देनी पड़ती है.

अभिभावकों ने शिक्षक नियुक्ति की मांग की

अभिभावक सीताराम सिंह ने कहा कि उत्क्रमित उच्च विद्यालय में एक भी शिक्षक नहीं हैं. प्राथमिक विद्यालय के ही शिक्षक किसी तरह दसवीं तक के विद्यार्थियों को पढ़ाते हैं. विद्यार्थी अपने मन से पढ़ाई कर किसी तरह मैट्रिक पास करते हैं. अभिभावक संजय प्रसाद ने कहा कि यहां की शिक्षा व्यवस्था लचर है. सरकार ने उत्क्रमित उच्च विद्यालय बना दिया, लेकिन शिक्षकों की बहाली नहीं हुई. शिक्षक नहीं होने से बच्चों का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है. अभिभावकों ने सरकार से विद्यालय में शिक्षकों को अविलंब प्रतिनियुक्त करने की मांग की है.

पढ़ाने में होती है परेशानी : प्रधानाध्यापक

प्रधानाध्यापक राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि सरकार ने प्राथमिक से मध्य और मध्य से उत्क्रमित उच्च विद्यालय बना दिया है. लेकिन शिक्षक की पदस्थापना नहीं हुई है. विद्यालय में उनके अलावा तीन पारा शिक्षक हैं. वे सभी प्राथमिक विद्यालय के लिए नियुक्त हुए हैं. किसी तरह वे लोग उच्च विद्यालय के विद्यार्थियों को भी पढ़ाते हैं. इसमें उन्हें परेशानी होती है.

शिक्षकों के प्रतिनियोजन हेतु भेजा गया है पत्र : बीपीओ

इस संबंध में पूछे जाने पर सर्व शिक्षा अभियान के बीपीओ संतोष कुमार दुबे ने कहा कि सिरोईकला उत्क्रमित उच्च विद्यालय में शिक्षकों की प्रतिनियोजन के लिए जिला को पत्र लिखकर भेजा गया है. अभीतक शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति नहीं हो पायी है.

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