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मोंथा चक्रवात से जिले में सैकड़ों एकड़ में लगी धान की फसल बर्बाद

खेतों में लगी धान की फसल गिरने से अंकुरित होने का खतरा, किसान परेशान

खेतों में लगी धान की फसल गिरने से अंकुरित होने का खतरा, किसान परेशान

जितेंद्र सिंह, गढ़वा मोथा चक्रवात के प्रभाव से हो रही लगातार बारिश ने जिले में जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. बीते चार दिनों से जारी वर्षा ने जहां आम लोगों को परेशान किया है, वहीं किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. बारिश से जिले में सैकड़ों एकड़ में लगी धाम की फसल बर्बाद हो गयी है. जिले के विभिन्न प्रखंडों मझिआंव, कांडी, सगमा, रामना, मेराल, भवनाथपुर, नगर ऊंटारी, धुरकी, रंका, बड़गड़, भंडरिया आदि क्षेत्रों में धान की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है. किसानों द्वारा महीनों की मेहनत से तैयार की गयी फसल अब पानी में डूबकर सड़ने लगी है. जिन खेतों में धान काटकर रखा गया था, वह पूरी तरह पानी में डूब चुका है. वहीं, खड़ी फसलें तेज हवा और बारिश के कारण झुककर गिर गयी हैं. इससे कटाई और मड़ाई में भारी कठिनाई आ रही है. किसानों का कहना है कि इस बारिश ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया है और अब फसल के अंकुरित होने का खतरा बढ़ गया है. ग्रामीण इलाकों के निचले क्षेत्रों में जलजमाव से स्थिति और गंभीर हो गयी है. लगातार नमी के कारण फसल में फफूंद और सड़न की समस्या बढ़ रही है, जिससे उत्पादन में भारी गिरावट की आशंका है. कृषि विभाग ने बताया कि बारिश थमने के बाद नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट तैयार की जायेगी, ताकि प्रभावित किसानों को राहत उपलब्ध करायी जा सके.

रबी फसलों पर भी संकट

बारिश का असर केवल धान पर ही नहीं, बल्कि रबी फसलों पर भी पड़ा है. किसानों के अनुसार, चना, अरहर, आलू और सब्जी की फसल भी प्रभावित हुई हैं. चना की फसल में नमी से पौधे पीले पड़ने लगे हैं, जबकि अरहर की फसल सूखने की कगार पर है. सब्जियों में फफूंद रोग बढ़ने की संभावना जतायी जा रही है.

जिले में 55 हजार हेक्टेयर में धान की बुआई

कृषि विभाग के अनुसार इस वर्ष 55 हजार हेक्टेयर में धान की खेती की गयी थी. अच्छी मानसूनी वर्षा के कारण किसान उत्साहित थे, लेकिन अब बेमौसम बारिश ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है और उनके माथे पर चिंता की लकीरें गहराने लगी हैं.

धान की फसल को हुआ है नुकसान : ब्रजेश तिवारी

गढ़वा प्रखंड के करूआ कला गांव निवासी प्रगतिशील किसान ब्रजेश तिवारी ने कहा कि मोथा के कारण धान की फसल को काफी नुकसान हुआ है. खेतों में लगी धान की फसल गिर गयी है, जिससे उनके अंकुरित होने की संभावना बढ़ गयी है. वहीं खेतों में काटकर छोड़े गये धान के सड़ने और काला होने की संभावना से किसान चिंतित हैं.

आज से बारिश खुलने की संभावना है : राजीव कुमार

कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक राजीव कुमार ने बताया कि इस बारिश से धान की फसल को काफी नुकसान हुआ है, लेकिन शनिवार से बारिश खुलने की संभावना है. ऐसे में किसानों को खेत में पककर तैयार धान को कटवाना होगा और काटकर रखी गयी फसल को सुखाना होगा. उन्होंने कहा कि बारिश के कारण सब्जी की फसल में फफुंद लगने की संभावना है. ऐसे में किसान करवांडा जिंक 50 प्रतिशत डब्ल्यूपी दो ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर सब्जियों पर छिड़काव करे सकते हैं. इससे उन्हें लाभ मिलेगा.

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