श्रीबंशीधर नगर. प्रयागराज के कथावाचक जगदगुरू रामानुजाचार्य श्रीमुक्तिनाथ स्वामीजी महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा कलियुग के प्रभाव से उत्पन्न पीड़ा, संताप और जीवन में व्याप्त अंधकार को दूर कर दिव्य प्रकाश देने का सरल और सहज माध्यम है. 18 पुराणों में सर्वोत्तम होने के कारण श्रीमद्भागवत पुराण को वेदों का सार और भक्ति मार्ग का परम ग्रंथ कहा गया है. उन्होंने यह बातें श्रीराधावंशीधर मंदिर में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के मौके पर आयोजित श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह के प्रथम दिवस के प्रवचन के दौरान कही. उन्होंने कहा कि महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित यह ग्रंथ भगवान श्रीकृष्ण की लीला, भक्तों की महिमा और भक्ति के सर्वोच्च महत्व का अद्वितीय प्रमाण है. इस मौके पर बड़ी संख्या में महिला व पुरुष श्रद्धालु उपस्थित थे.
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