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किचन के अभाव में बरामदे में बनता है भोजन
हाल अस्तरोन्नत उवि, अमरोरा का खरौंधी. सरकार जहां स्वच्छता कि ढिंढोरा अभियान चलाकर पीट रही है, वहीं सरकारी अधिकारियों ने ही स्वच्छता कि पोल खोल कर रख दी है. विभागीय अधिकारी आते हैं, आश्वासन देते हैं और चले जाते हैं. उनका तबादला भी दूसरे स्थान पर हो जाता है. लेकिन समस्या ज्यों कि त्यों बनी […]
हाल अस्तरोन्नत उवि, अमरोरा का
खरौंधी. सरकार जहां स्वच्छता कि ढिंढोरा अभियान चलाकर पीट रही है, वहीं सरकारी अधिकारियों ने ही स्वच्छता कि पोल खोल कर रख दी है. विभागीय अधिकारी आते हैं, आश्वासन देते हैं और चले जाते हैं. उनका तबादला भी दूसरे स्थान पर हो जाता है. लेकिन समस्या ज्यों कि त्यों बनी रहती है.
मामला खरौंधी प्रखंड के अस्तरोन्नत उच्च विद्यालय अमरोरा की है, जहां किचेन शेड के अभाव में विद्यालय के खुले बरामदे पर बच्चों क मध्याह्न भोजन रसोइया बनाने को मजबूर है. जहां कई विषैले जंतुओ का पड़ने का भय बना रहता है. प्रधानाध्यापक महानंद पाठक ने बताया कि विभाग किसी भी हालत में मध्याह्न भोजन चालू रखने का दबाव बनाती है. परंतु पांच वर्ष किचेन शेड बनवाने की मांग विभागीय अधिकारी व जन प्रतिनिधियों से करते करते गुजर गये.
लेकिन किसी के कानों में जू तक नहीं रेंगा. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि विभाग के दबाव में खुले बरामदे पर स्कूली बच्चों का भोजन बनवा रहा हूं. अगर किसी भी प्रकार से विषैले जन्तुओ के पडने से बच्चे प्रभावित होंगे, तो पूर्ण जिम्मेवारी विभाग की होगी. बताते चलें की इस विद्यालय में लगभग 500 से अधिक बच्चे पढ़ने आते हैं, जिसमें अधिकांश छात्रा पढ़ती है, जो शौच करने के लेकर खुले स्थानों में जाने को मजबूर है. डीइसी ब्रजमोहन प्रसाद ने कहा कि किचेन शेड दिया गया है. बना नहीं, जो बनाना था पुन: मांग किये जाने पर दूसरा दिया जाता. जांच कर जल्द किचेन शेड बनवाया जायेगा.
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