6जीडब्ल्यूपीएच7- झोपड़ी के बाहर अपने बच्चों के सात बासमतीहेडलाइन…बेसहारा विधवा पर पांच बच्चों की परवरिश का बोझ मेराल (गढ़वा). मेराल प्रखंड के बनखेता गांव निवासी बासमती कुंवर अपने पति राजकुमार भुइयां की मृत्यु के नौ माह बाद दाने-दाने को मोहताज हो गयी है. बासमती के पांच बच्चे हैं. इन बच्चों की परवरिश उसके पति क ी कमाई से होती थी. उसके पति राजकुमार भुइयां को लगमा स्टैंड निवासी अजय मेहता ईंट-भट्ठा में मजदूरी कराने के लिए तिलौथू (बिहार) ले गया था. वहां टेंपो और ट्रक क ी टक्कर में उसकी मौत हो गयी थी. बासमती बताती है कि पति क ी मृत्यु के बाद परिवार के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. इस संबंध मंे जब ठेकेदार अजय मेहता से पूछा गया, तो उसने बताया कि उन्होंने राजकुमार को मजदूरी के लिए तिलौथू भेजा था. दुर्घटना में राजकुमार की मृत्यु के बाद उसने दाह संस्कार के लिए परिजनों को 20 हजार रुपये एवं एक हजार ईंट झोपड़ी बनाने के लिए दिया था. इसके बाद बासमती द्वारा प्रशासन से सहायता की मांग की गयी. लेकिन अभी तक उसे न तो पारिवारिक लाभ और न ही इंदिरा आवास अथवा अन्य कोई सहायता मिल सकी है. इस संबंध में प्रखंड विकास पदाधिकारी श्रवण राम से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मृत्यु प्रमाण पत्र आते ही, उसे सारी सरकारी सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी. लेकिन अभी तक उसके द्वारा मृत्यु प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं कराया गया है.
ओके…नौ माह पूर्व पति गुजर गया, दाने-दाने को मोहताज है बासमती(फोटो)
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