इससे सड़क काफी संकीर्ण हो गयी है और आनेलाने में लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है़ ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि श्री ठाकुर ने सरकारी चापानल को भी अपने चहारदीवारी के अंदर कर लिया है़ इससे पानी के लिए भी ग्रामीणों को परेशानी झेलनी पड़ रही है़ ग्रामीणों ने आवेदन में कहा है कि उन्होंने इस संबंध में पूर्व में एसडीओ को आवेदन दिया था़ एसडीओ ने पूर्व में अपने निरीक्षण में सड़क की नापी कराने की बात कही थी़ लेकिन अंचल पदाधिकारी मेराल ने अपने निरीक्षण में इसे सड़क मानने से इनकार दिया है़.
ग्रामीणों ने कहा कि जिसे सीओ द्वारा सड़क मानने से इनकार किया जा रहा है, उसमें मनरेगा से पहले सड़क बनाया गया था तथा बाद में इस पर सांसद मद से कालीकरण पथ का निर्माण कराया गया है़ ग्रामीणों ने कहा है कि पथ निर्माण के पूर्व चेक स्लीप अंचल की ओर से ही निर्गत की गयी है़ जब यह सड़क है ही नहीं, तो इसका चेक स्लीप कैसे निर्गत किया गया है़ ग्रामीणों ने इसको लेकर उपायुक्त से न्याय की मांग की है़ आवेदन में वीरेंद्र ठाकुर, विनय ठाकुर, हरिद्वार मिश्र, बबलू पांडेय, गणेश बैठा, मनोज पासवान, ब्रजराम मिश्र सहित लखेया एवं हासनदाग पंचायत के कई ग्रामीणों के हस्ताक्षर है़ं