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Giridih News: चिकित्सा प्रभारी के दुर्व्यवहार से तंग महिला चिकित्सक ने अस्पताल आना छोड़ा

Giridih News: डॉ शेख मो ताजुद्दीन पर लगाये कई आरोप, बोलीं- ऐसे माहौल में काम नहीं कर सकती, इसलिए छुट्टी ली. बिरनी सीएचसी में तैनात महिला चिकित्सक डॉ वसीम फरहबीन मजहबीन ने कहा- सीएस से कई बार की शिकायत, कार्रवाई नहीं हो रही. बिरनी सीएचसी में काम करने में असुरक्षित महसूस कर रही हूं. बिना सुरक्षा के काम करना संभव नहीं.

बिरनी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत महिला चिकित्सक डॉ वसीम फरहबीन मजहबीन एक माह से अस्पताल नहीं आ रही हैं. इससे महिला मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अस्पताल ना आने को लेकर महिला चिकित्सक ने प्रभात खबर से कई बातें साझा कीं. उन्होंने कहा कि बिरनी में काम करने में मैं असुरक्षित महसूस कर रही हूं. मुझे सुरक्षा चाहिए, तभी मैं बेहतर तरीके से महिलाओं का इलाज कर पाऊंगी. वर्तमान प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ शेख मो ताजुद्दीन पर कई आरोप भी उन्होंने लगाये. बताया कि डॉ शेख मो ताजुद्दीन मेरे साथ दुर्व्यवहार करते रहे हैं. हमने लगातार इसकी शिकायत सिविल सर्जन से की है. इन सबके बावजूद आज तक किसी तरह की ठोस कार्रवाई नहीं हुई है. इस वजह से भी हम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्य नहीं कर सकते हैं. कहा कि मैने इसके लिए डॉ साकिब जमाल से छुट्टी ली हुई है.

लंबे इंतजार के बाद अस्पताल में हुई थी महिला चिकित्सक की नियुक्ति

बता दें कि कई वर्षों से बिरनी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में महिला चिकित्सक नहीं थीं. लंबे समय के बाद एक महिला चिकित्सक को राज्य सरकार द्वारा नियुक्त किया गया. महिला चिकित्सक की सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नियुक्ति होने के बाद ग्रामीण महिलाओं को लगा था कि छोटी मोटी बीमारियों से संबंधित बातें महिला चिकित्सक को खुलकर वे बता पाएंगी और समय पर उनका इलाज हो जाएगा. इसमें महिलाओं का सपना सपना बनकर ही रह गया, जब महिला डॉक्टर अस्पताल में इमानदारी पूर्वक अपनी ड्यूटी ही नहीं दे रही हैं.

विवादों को लेकर सिविल सर्जन ने की थी जांच, डॉ शेख मो ताजुद्दीन को प्रभारी पद से हटाया था

बता दें कि महिला चिकित्सक डा वसीम फरहबीन मजहबीन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में योगदान देने के दौरान पूर्व में चिकित्सा पदाधिकारी डॉ शेख मो ताजुद्दीन के साथ काफी विवाद हो गया था. दोनों डाक्टरों ने एक दूसरे पर कई तरह के आरोप लगाये थे. इसकी जांच सिविल सर्जन व अन्य विभागीय अधिकारियों ने की थी. इसके बाद डॉ शेख मो ताजुद्दीन को प्रभारी पद से हटाकर डॉ साकिब जमाल को प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी बना दिया गया. बताते चलें कि जहां महिला चिकित्सक ने दुर्व्यवहार का आरोप लगाया था, और स्वयं को असुरक्षित बताया था, वहीं डॉ शेख मो ताजुद्दीन का कहना था कि महिला चिकित्सक बगैर काम किये वेतन भुगतान करने का दबाव बना रही थीं. काम नहीं करने पर तीन माह के वेतन भुगतान पर रोक लगा दी गयी थी.

शेख मो ताजुद्दीन के प्रभार लेने के बाद महिला चिकित्सक ने आना बंद किया

जब तक साकिब जमाल ने बिरनी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्य किया, तब तक महिला चिकित्सक ने भी कार्य किया. इसी बीच एक माह पूर्व डाक्टर साकिब जमाल डॉ शेख मो ताजुद्दीन को प्रभार देकर छुट्टी पर निकल गए. इसके बाद महिला चिकित्सक ने भी अस्पताल में ड्यूटी देना बंद कर दिया.

बिना काम किये सैलरी पाने के लिए मुझे बदनाम किया जा रहा है : प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी

प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ताजुद्दीन ने कहा कि उक्त महिला चिकित्सक एक माह पूर्व से गायब है. कहा कि बगैर काम के ही वह वेतन लेना चाह रही थी. जब ड्यूटी करने का दबाव मेरे द्वारा बनाया जाने लगा तो कई तरह का झूठा आरोप मेरे उपर लगाकर मुझे बदनाम करने का प्रयास किया गया. कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कई महिला सीएचओ समेत कई स्टाफ कार्य कर रहे हैं. उक्त लोग ईमानदारी से कार्य कर रहे हैं. उनलोगों के द्वारा किसी तरह की कोई शिकायत नहीं की गयी है. कहा कि सरकार अगर मरीजों की सेवा के लिए वेतन देती है, तो मरीजों की सेवा करनी ही पड़ेगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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