घाटशिला. घाटशिला प्रखंड की बड़ाजुड़ी और काशिदा पंचायत में 9.5 करोड़ रुपये की पेयजलापूर्ति योजना चार साल से अधूरी है. ऐसे में हजारों ग्रामीण स्वच्छ पेयजल सुविधा से वंचित हैं. वर्ष 2020-21 में नीर निर्मल योजना से काम शुरू हुआ था. जल स्वच्छता विभाग से संचालित योजना के संवेदक विनोद कुमार लाल थे.
संवेदक ने बीच में काम छोड़ा दोबारा टेंडर प्रक्रिया हुई
सूत्रों के अनुसार, संवेदक ने लगभग एक वर्ष कार्य करने के बाद बीच में छोड़ दिया. विभाग ने लगभग साढ़े चार करोड़ रुपये का भुगतान किया था. जल स्वच्छता विभाग ने दोबारा सर्वे कराया. शेष कार्य पूरा करने के लिए नयी डीपीआर तैयार कर संबंधित विभाग को भेजी. आदर्श पंचायत के बावजूद योजना ठप है. यह योजना सांसद आदर्श पंचायत के तहत शुरू की गयी थी.
इंटेकवेल से ट्रीटमेंट प्लांट तक अधिकतर कार्य अधूरे
परियोजना के तहत राजस्टेट में सुवर्णरेखा नदी के किनारे इंटेक वेल का निर्माण शुरू हुआ था, जो अधूरा है. रेलवे लाइन के नीचे से पाइप मुख्य सड़क तक ले जाना था. उक्त कार्य भी अधूरा है. ऊपर पावड़ा में 1.80 लाख लीटर क्षमता की जलमीनार बन चुकी है. बाउंड्री भी दी गयी, पर आसपास झाड़ियां उग चुकी हैं. बड़ाजुड़ी में 2.20 लाख लीटर की टंकी तैयार है. वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट का 90% कार्य पूरा है. दोनों पंचायतों बड़ाजुड़ी और काशिदा के कई गांवों में घरों तक पाइपलाइन बिछ गयी, पर सप्लाई आज तक शुरू नहीं हो सकी है.
इन गांवों में बिछी पाइपलाइन
बड़ाजुड़ी, मुंडाकाठी, डोरकासाई, रघुनाथपुर, सोराडाबर, पूर्णा पानी, ऊपर पावड़ा, चेंगजोड़ा, महालीडीह, प्रेम नगर और काशिदा के कुछ हिस्से.9 करोड़ की नयी डीपीआर भेजी उप चुनाव के कारण अटका
कनीय अभियंता कैलाश राम ने बताया कि पुनः लगभग 9 करोड़ रुपये की संशोधित योजना तैयार कर भेजी गयी है. उप चुनाव के कारण टेंडर प्रक्रिया लंबित है. टेंडर पूरा होते ही काम शुरू होगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

