घाटशिला.
घाटशिला प्रखंड के तामुकपाल में नदी पर बनी पुलिया छह माह से क्षतिग्रस्त है. लगातार हादसे में लोगों की जान जा रही है. ज्ञात हो कि दो अक्तूबर, 2025 को पुलिया के पास बड़ी दुर्घटना में तामुकपाल गांव के बालक मुंडा और पोटका के कलिकापुर की मौसमी पाल की मौत हो गयी थी. एक पुरुष बाल-बाल बच गया थ. तब सड़क लगभग 12 घंटा तक जाम रहा. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन, बाबूलाल मरांडी व सांसद विद्युतवरण महतो बालक मुंडा के परिजनों से मिले थे. एनएचएआइ और विभागीय पदाधिकारी ने पूर्व सीएम चंपाई सोरेन की पहल पर मृतक के परिजनों को ढाई लाख रुपये दिये थे. वहीं, सांसद जोबा माझी व मंत्री दीपक बिरुवा की पहल पर कालिकापुर गांव निवासी मौसमी पाल के परिजनों को 2 लाख व दुर्घटनाग्रस्त पति किशोर भकत को एक लाख रुपये दिए गये थे. हालांकि, ढाई माह बाद भी पुलिया की मरम्मत या नये निर्माण को लेकर ठोस कार्रवाई नहीं हुई है.कोलकाता-रांची मुख्य सड़क का हिस्सा है पुलिया
छह माह बाद भी पुलिया मरम्मत की दिशा में पहल नहीं हुई है. हाइवे के पास ब्रेकर दिया हुआ है, लेकिन लोग ब्रेकर छोड़ कर अन्य रास्ते से आवागमन करते हैं. डायवर्सन के बावजूद भी रात्रि में गांव के लोगों का आवागमन बंद रहता है. यह मार्ग घाटशिला और धालभूमगढ़ दो प्रखंडों को जोड़ने के साथ कोलकाता-रांची मुख्य सड़क का हिस्सा है.
स्कूली बच्चे, किसान, मजदूर आम लोग परेशान
इस मार्ग से गुजरने वाले स्कूली बच्चों, किसानों और वाहन चालकों को रोजाना भारी परेशानी होती है. रात के समय आवागमन और अधिक जोखिम भरा होता है. ग्रामीणों ने बताया कि पुलिया जर्जर होने के दौरान कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी हैं. कोलकाता से आ रही एक यात्री बस दुर्घटनाग्रस्त हो गयी थी, जिसमें करीब 30 से 35 यात्री घायल हो गये थे. घायलों को स्थानीय लोगों के सहयोग से इलाज के लिए कोलकाता भेजा गया. इस स्थान पर कई बार सड़क हादसे हुए हैं, जिनमें भारी वाहन अनियंत्रित होकर पलट चुके हैं. इस मामले में स्थानीय प्रशासन तथा जन प्रतिनिधियों को पहल करने की आवश्यकता है. स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि या तो पुलिया की तत्काल मरम्मत करायी जाये या नये सिरे से मजबूत पुलिया का निर्माण हो.पुलिया बेकार घोषित
यहां हाइवे को वन-वे बनाने से लगातार दुर्घटना हो रही है. इसके पूर्व कई बार यहां सड़क दुर्घटना हो चुकी है. पुलिया को एनएचएआइ ने अनुपयुक्त घोषित कर वन-वे डायवर्सन बनाया है. इससे खतरा कम होने के बजाय बढ़ गया है. आसपास के ग्रामीण व ट्रैक्टर चालक दीपक श्रीवास्तव, दिनेश प्रसाद, कार्तिक सिंह, सल्टू गोप, रातु सोरेन ने बताया कि एनएचएआइ ने पुलिया को रिजेक्ट कर दिया है. लोग वन-वे से आना-जाना करते हैं. इसके कारण दुर्घटना की आशंका रहती है.क्षतिग्रस्त पुलिया के निर्माण की दिशा में पहल हो रही है. पुलिया का निर्माण नये सिरे से होगा. एनएचएआइ, केंद्र व राज्य के पदाधिकारी दौरा कर चुके हैं. मामले में आवश्यक कार्रवाई की प्रक्रिया जारी है. –चंदन आशीष
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