मुसाबनी. मुसाबनी बस स्टैंड में यात्री सुविधाओं का घोर अभाव है. बस स्टैंड में पेयजल, यात्री शेड, शौचालय, साफ-सफाई की व्यवस्था नहीं है. बस स्टैंड से पड़ोसी राज्य ओडिशा व पश्चिम बंगाल के लिए यात्री बसों का परिचालन होता है. इसके साथ मुसाबनी से रांची, चाईबासा, टाटा, बहरागोड़ा समेत कई स्थानों के लिए यात्री बसें खुलती हैं. मुसाबनी बस स्टैंड से प्रतिदिन करीब ढाई दर्जन यात्री बसों के साथ दर्जनों छोटे यात्री वाहनों का परिचालन होता है. पिछले कुछ वर्षों से सरकारी स्तर पर बस स्टैंड से राजस्व की वसूली की जा रही है. प्रतिवर्ष लाखों का राजस्व देने वाला मुसाबनी बस स्टैंड में यात्री सुविधाओं का घोर अभाव है.
यात्री शेड व शौचालय की व्यवस्था नहीं
यात्रियों को धूप व बरसात में परेशानी झेलनी पड़ती है. यात्री शेड नहीं होने के कारण यात्रियों को गर्मी के मौसम में धूप से बचने के लिए पेड़ों का सहारा लेना पड़ता है. वहीं, बारिश के मौसम में यात्रियों को बारिश में भीगकर बस के लिए इंतजार करना पड़ता है. बस स्टैंड में शौचालय की व्यवस्था नहीं है. बस स्टैंड के समीप करीब चार दशक पूर्व बना सुलभ शौचालय जर्जर है. किसी भी समय कोई दुर्घटना हो सकती है. शौचालय का संचालन मनमानी ढंग से होता है.
15 साल से सुलभ शौचालय में लटका है ताला
करीब 15 वर्ष पूर्व जिला परिषद ने बस स्टैंड में सुलभ शौचालय बनाया. वहां आज भी ताला लटक रहा है. पूर्व विधायक लक्ष्मण टुडू के कार्यकाल में विधायक कोष से बने शौचालय में भी ताला लटक रहा है. ऐसे में यात्री इधर-उधर भटकते हैं. महिला यात्रियों को खासी परेशानी उठानी पड़ती है.पेयजल के लिए परेशान होते हैं यात्री
बस स्टैंड में यात्रियों के लिए पेयजल की व्यवस्था नहीं है. पेयजल के लिए यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ती है. बस स्टैंड की साफ-सफाई की कारगर व्यवस्था नहीं है. वीर शहीद सिदो कान्हू चौक के स्मारक स्थल के पास जलापूर्ति पाइप लीक होने के कारण पानी जमा होने से कीचड़ की समस्या है. बारिश होने पर बस स्टैंड कीचड़ में तब्दील हो जाता है. बस स्टैंड में यात्री सुविधाओं का घोर अभाव है. मुसाबनी बस स्टैंड में यात्री सुविधाओं को लेकर प्रशासनिक अधिकारी एवं राजनीतिक दलों के नेता उदासीन हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

