पोटका. पोटका प्रखंड की हरिणा पंचायत के नारायणपुर गांव में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का समापन शुक्रवार को हुआ. वृंदावन से आए कथावाचक आदित्य पंडित महाराज ने अंतिम दिन सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि सुदामा और भगवान कृष्ण के सच्चे मैत्री‑भाव से संसार को सीख लेनी चाहिए. सच्चा भक्त विपत्ति में भी भगवान का स्मरण नहीं छोड़ता. कथा के दौरान उन्होंने बताया कि द्वारिका में सुदामा से मिलने स्वयं भगवान कृष्ण नंगे पांव दौड़ते आये. अपने मित्र सुदामा को गले लगाकर चरण धोये. विदाई के बाद भगवान ने सुदामा का जीवन बदल दिया. पर सुदामा ने सादगी नहीं छोड़ी. महाराज ने कहा कि जब-जब भक्तों पर विपत्ति आयी है प्रभु उनका तारणहार करने जरूर आते हैं. उन्होंने राजा परीक्षित और सुखदेव संवाद प्रसंग का भी वर्णन किया. कार्यक्रम के पूर्व ग्राम प्रधान ताराशंकर मंडल ने अपने माता‑पिता की स्मृति में राधा‑कृष्ण मंदिर और गेस्ट हाउस निर्माण के लिए 21 डिसमिल भूमि आदित्य पंडित महाराज को दान करने की घोषणा की. भूमिपूजन रविवार को होगा. कथा के संचालन का भार नारायणपुर निवासी संचिता मंडल (बेबी मंडल) व उनके परिवार ने संभाला, जबकि प्रसाद वितरण का आयोजन मंडली व सहपाठियों द्वारा किया गया.
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