चाकुलिया.
लगभग 50 करोड़ रुपये की लागत से चाकुलिया में इकोलॉजिकल डायवर्सिटी पार्क बनकर तैयार है. अब उद्घाटन के लिए राज्य के मुख्यमंत्री की राह देख रहा है. क्षेत्र के लोगों को भी इस पार्क के उद्घाटन का बेसब्री से इंतजार है. पार्क की खूबसूरती और विशालता दोनों लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है. उद्घाटन नहीं होने के कारण लोगों को पार्क में प्रवेश करने का अवसर नहीं मिल रहा है. पार्क घूमने के लिए प्रतिदिन सैकड़ों लोग चाकुलिया पहुंच रहे हैं. परंतु उद्घाटन नहीं होने के कारण निराश होकर लौट रहे हैं. दिसंबर की शुरुआत से ही लोगों में पिकनिक मनाने को लेकर उत्साह रहता है. चाकुलिया का नवनिर्मित इकोलॉजिकल डायवर्सिटी पार्क क्षेत्र का बेहतर पिकनिक स्पॉट साबित होगा. दिसंबर में भी यदि पार्क का उद्घाटन नहीं हुआ तो पर्यटकों और सैलानियों को निराशा हाथ लगेगी. विधायक समीर मोहंती ने पार्क पहुंचकर उद्घाटन की तैयारियों का जायजा लिया. कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पार्क के उद्घाटन को लेकर बात हुई है. जल्द ही उनकी सहमति मिलेगी और पार्क का उद्घाटन कर आमलोगों के लिए खोल दिया जायेगा. उन्होंने चाकुलिया पार्क की तुलना जापान के प्रसिद्ध शहर ओकीनावा से की.
विविध प्रजातियों का आवास होगा पार्क
इकोलॉजिकल डायवर्सिटी पार्क को हिंदी में जैव विविधता पार्क कहा जाता है. जैव विविधता पार्क एक संरक्षित क्षेत्र है जो जैव विविधता का संरक्षण और संवर्धन करता है. पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएं प्रदान करता है और विविध प्रजातियों के लिए महत्वपूर्ण आवास निर्मित करता है.
पार्क खुला, तो पहली जनवरी से ही सरकार को मिलने लगेगा राजस्व
दिसंबर में पार्क का उद्घाटन हो गया तो 1 जनवरी को पार्क में खचाखच भीड़ उमड़ेगी. इससे न सिर्फ क्षेत्र के लोगों को पिकनिक के लिए एक बेहतर सपोर्ट प्राप्त होगा बल्कि सरकार को भी अच्छी राजस्व मिलने की शुरुआत वर्ष के पहले दिन से ही हो जायेगी.3 अप्रैल 2022 को हुआ था पार्क का भूमिपूजन
विधायक समीर मोहंती ने कहा कि पहली बार चुनाव जीतने के बाद से ही वे चाकुलिया एवं बहरागोड़ा को सजाने और संवारने में जुट गये थे. इस क्रम में चाकुलिया में इकोलॉजिकल डायवर्सिटी पार्क निर्माण करने की शुरुआत वन विभाग के सहयोग से की गयी. रेंजर दिग्विजय सिंह का भी इसमें भरपूर सहयोग मिला. 3 अप्रैल 2022 को पार्क निर्माण कार्य का भूमि पूजन विधायक समीर मोहंती द्वारा किया गया. 16 करोड़ की लागत से 78 एकड़ में निर्माण कार्य शुरू हुआ. धीरे-धीरे पार्क का रूप विस्तृत होता गया. इसका क्षेत्रफल 78 एकड़ से बढ़कर 183 एकड़ तक पहुंच गया और निर्माण की राशि भी 16 करोड़ से 50 करोड़ तक पहुंच गई. पार्क निर्माण में तीन वर्ष आठ महीने का समय लगा. वर्तमान में इस पार्क के झारखंड और बिहार का सबसे बड़ा पार्क होने का दावा किया जा रहा है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

