धालभूमगढ़.
सरकार की ओर से अब तक धान अधिप्राप्ति केंद्र नहीं खोले जाने से मजबूरन किसानों को कम मूल्य में दलालों के हाथों अपनी उपज बेचनी पड़ रही है. प्रखंड में तीन लैंपस होने के बावजूद मात्र एक लैंपस में ही बीते वर्ष धान की खरीदी हुई है. मोहलीशोल एवं धालभूमगढ़ लैंपस में गड़बड़ी के कारण कोई काम नहीं हो रहा है. लगभग दो वर्षों से लैंपस बंद पड़ा है. सिर्फ बेहड़ा लैंपस में धान की खरीद की जाती है. किसानों ने बीते वर्ष भी बेहड़ा लैंपस जाने में आपत्ति दर्ज करायी थी. दूरी अधिक होने के कारण उन्हें परिवहन खर्च ज्यादा उठाना पड़ता है. इस वर्ष धान की अच्छी फसल हुई है, पर समय पर धान की खरीदी नहीं होने से किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. धान अधिप्राप्ति केंद्र नहीं खुलने से किसानों को दलालों के हाथों 1750 रुपये क्विंटल धान बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है.धालभूमगढ़ प्रखंड में इस बार 8700 हेक्टेयर में धान की खेती
प्रखंड प्रभारी कृषि पदाधिकारी पीयूष मंडल ने बताया कि इस वर्ष प्रखंड में 8700 हेक्टेयर में धान की खेती का लक्ष्य था. इस वर्ष 85 प्रतिशत आच्छादित होने के कारण धान की बंपर पैदावार हुई है. पूर्व के अनुमान के आधार पर 30 से 35 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार होने की उम्मीद है. इस प्रकार प्रखंड में 2.61 लाख क्विटल धान की पैदावार होने की उम्मीद है. समय पर अधिप्राप्ति केंद्र खुल जाते हैं तो इसका लाभ किसानों को मिलेगा. उन्होंने कहा कि 15 दिसंबर से धान अधिप्राप्ति केंद्र शुरू हो जायेंगे. इस वर्ष बेहड़ा एवं पावड़ा नरसिंहगढ़ लैंपस में धान की खरीदी की जायेगी, जबकि मोहलीशोल एवं धालभूमगढ़ लैंपस में अभी भी धान की खरीदी नहीं हो पायेगी. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से धान के समर्थन मूल्य में वृद्धि की गयी है. सरकार की ओर से 2369 प्रति क्विंटल एवं 81 रुपये बोनस मिलाकर 2450 रुपये प्रति क्विंटल धान की खरीद की जायेगी. पूरे जिले में 7 लाख क्विंटल धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है.
धालभूमगढ़ लैंपस : 33 लाख रुपये कमीशन बकाया
इधर लैंपसों का कमीशन बकाया रहने के कारण लैंपस मैनेजर लगातार कमीशन भुगतान की मांग करते आ रहे हैं. सिर्फ धालभूमगढ़ लैंपस का ही 33 लाख रुपये कमीशन बकाया है, इसके कारण भी लैंपसों में धान की खरीदी प्रभावित हो सकती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

