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East Singhbhum News : बिना गुरु दीक्षा के भगवान की प्राप्ति संभव नहीं : प्रदीप पाल

जीवन में जो जैसा कर्म करता है उसको वैसा ही फल मिलता है : प्रदीप पाल

कोवाली. पोटका प्रखंड के जानमडीह पंचायत के मोजग्राम स्थित श्री श्री राधा गोविन्द संकीर्तन समिति के तत्वावधान में प्रसिद्ध दूरदर्शन शिल्पी और कथावाचक प्रदीप पाल का दो दिवसीय प्रवचन संपन्न हुई. कार्यक्रम के अंतिम दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटे, जिनमें झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन भी शामिल थे. अपने प्रवचन में प्रदीप पाल ने धर्म, गृहस्थ जीवन और मनुष्य के कर्म पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने कहा कि ईश्वर की भक्ति शुद्ध अंतःकरण से करनी चाहिए और बिना गुरु दीक्षा के भगवान की प्राप्ति संभव नहीं है, लेकिन गुरु सदाचारी होना चाहिये. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे मनुष्य पुराने वस्त्र त्यागकर नया पहनता है, वैसे ही आत्मा नए शरीर में प्रवेश करती है. इसलिए सभी को अच्छे कर्म करने चाहिये. उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों के संस्कार घर के व्यवहार से बनते हैं. माता-पिता जैसा आचरण करते हैं, बच्चे वैसा ही सीखते हैं. कार्यक्रम में पूर्व सिविल सर्जन डॉ. एम. के. लाल, पार्षद सूरज मंडल, सोमेन मंडल, निलय मंडल, पोल्टू मंडल, आशुतोष मंडल, आनंद मंडल, गौरांग मंडल, बंकिम मंडल, बेनुकोर मंडल, नीतीश मंडल, सिसिर मंडल, रंजित मंडल, असीस मंडल, अंबुज मंडल, निशाकोर मंडल, असित मंडल, राधे खंडवाल, कृष्ण खंडवाल, सोयना मुंडा आदि मौजूद रहे.

कठिन परिस्थिति में भी सत्य का पालन करते रहना चाहिए : आदित्य पंडित महाराज

कोवाली. पोटका की हरिना पंचायत स्थित नारायणपुर गांव में आयोजित सात दिवसीय भागवत कथा यज्ञ के दूसरे दिन रविवीर को धार्मिक व सांस्कृतिक कथा सत्र में बड़ी संख्या में श्रद्धालु और भक्त उपस्थित रहे. वृंदावन से आए कथावाचक आदित्य पंडित महाराज ने महाराज परीक्षित की कथा सुनाई, जिसमें परीक्षित की रक्षा, भागवत का उदय, अभिशाप एवं मृत्यु की कथा जैसी घटनाओं का वर्णन हुआ. उन्होंने इसे जीवन के गहरे संदेशों से जोड़ा जैसे संतों का सम्मान, कर्म का सिद्धांत, भक्ति, धैर्य, और समय के महत्व पर बल दिया. कथा में शुकदेव महाराज की शिक्षाओं पर भी प्रकाश डाला गया, जिनसे लोगों को शुद्धता, अहंकार-त्याग, समानता, सेवा और नैतिकता का मार्ग बताने का संदेश मिला. आदित्य पंडित महाराज ने यह भी कहा कि मनुष्य को विपरीत परिस्थितियों में भी सत्य का पालन करते रहना चाहिये, क्योंकि सत्य ही ईश्वर का मार्ग है. इस आयोजन का संचालन चाईलामा गांव के रविंद्र नाथ मंडल और उनकी धर्मपत्नी रीता मंडल सपरिवार ने किया. कथा समापन पर नारायणपुर निवासी लतिका मंडल ने भक्तों को प्रसाद वितरण किया.

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