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आइआरएल आज से बंद, 170 मजदूर बेकार

बढ़ी न्यूनतम मजदूरी के भुगतान से आइआरएल के सामने गंभीर संकट मुसाबनी : आइआरएल का क्रशर और कंस्ट्रेंटर प्लांट आठ मई से बंद हो जायेगा. इससे करीब 170 मजदूर प्रभावित होंगे. बढ़ी हुई न्यूनतम मजदूरी भुगतान का बोझ समेत कई आर्थिक परेशानियों के कारण आइआरएल के समक्ष गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है. इधर बकाये […]

बढ़ी न्यूनतम मजदूरी के भुगतान से आइआरएल के सामने गंभीर संकट
मुसाबनी : आइआरएल का क्रशर और कंस्ट्रेंटर प्लांट आठ मई से बंद हो जायेगा. इससे करीब 170 मजदूर प्रभावित होंगे. बढ़ी हुई न्यूनतम मजदूरी भुगतान का बोझ समेत कई आर्थिक परेशानियों के कारण आइआरएल के समक्ष गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है. इधर बकाये भुगतान की मांग को लेकर ट्रांसपोर्टरों ने अयस्क परिवहन बंद कर दिया है. इससे आइआरएल अयस्क की आपूर्ति ठप हो गयी है. आइआरएल प्लांट बंद करने को मजबूर है.
अयस्क की कमी से पिछले चार दिनों से प्लांट में काम बंद है. प्रबंधन ने आठ मई से प्लांट अगले आदेश तक बंद करने का नोटिस लगाया है. मुसाबनी प्लांट और कंस्ट्रेंटर प्लांट में करीब 170 मजदूर कार्यरत हैं. प्लांट बंद होने से इनकी रोजी-रोटी प्रभावित होगी. वहीं एमआइसी का उत्पादन भी प्रभावित होगा. आइआरएल एमआइसी आइसीसी को बेच कर आय प्राप्त करती है. ऐसे में प्लांट बंद होने से आइआरएल की आर्थिक स्थिति प्रभावित होगी.
सुरदा फेज टू का काम भी ठप: सुरदा फेज टू का काम भी रविवार दोपहर की पाली से बंद हो गया.बीएन शुक्ला ने कहा कि श्रीराम इपीसी अब तक करीब एक करोड़ का बकाया भुगतान नहीं किया है. ऐसे में सुरदा फेज टू के शॉफ्ट निर्माण के लिए सामग्री की कमी है.
ऐसे में काम बंद करने के अलावे कोई दूसरा रास्ता नहीं था. रकम मिलते ही फेज टू में काम शुरू हो जायेगा. फेज टू में ठेका मजदूर समेत पांच दर्जन मजदूर कार्यरत हैं.
तीन माह से अधिकारियों को भी वेतन नहीं: आइआरएल के आर्थिक संकट की मार कंपनी के करीब 100 अधिकारियों को भी झेलनी पड़ रही है. अधिकारियों को तीन माह से वेतन भुगतान नहीं हो पाया है.
2007 में सुरदा खदान एवं प्लांट चालू हुआ था: ग्लोबल टेंडर में मोनार्क गोल्ड माइंस कंपनी लिमिटेड ने 2007 में सुरदा खदान एवं प्लांट संचालन का ठेका लिया था. सब कांट्रेक्टर कंपनी 2007 से सुरदा खदान एवं मुसाबनी प्लांट का संचालन कर रही है. 14 अप्रैल20 07 से 14 जून 2014 तक कार्यादेश मिला था.
बाद में उसका 31 मार्च 2017 के लिए विस्तारिकरण एचसीएल से मिला था. इसी बीच लीज के मुद्दे को लेकर सितंबर 14 से जून 2015 तक नौ माह तक खदान एवं प्लांट बंद था. एचसीएल ने आइआरएल को नौ माह का फिर अवधि विस्तार देकर 31 दिसंबर 2017 तक का वर्क ऑर्डर दिया है.
15 सौ मजदूर हैं कार्यरत: आइआरएल के पे रोल में 1205 तथा लगभग 300 ठेका मजदूर कार्यरत हैं.आइआरएल लगभग डेढ़ करोड़ रुपये प्रतिमाह वेतन मद में खर्च करती है. आर्थिक संकट झेल रही आइआरएल के करीब डेढ़ हजार मजदूरों की रोजी पर असर पड़ने की संभावना है.
आर्थिक तंगी से गुजर रही कंपनी: शुक्ला
आइआरएल के इडी बीएन शुक्ला ने कहा कि आइआरएल गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है. ऐसे में सभी के सहयोग से ही संकट का सामना किया जा सकता है. लक्ष्य के अनुरूप उत्पादन न होना तथा बढ़ी हुई न्यूनतम मजदूरी भुगतान का बोझ तथा कई अन्य वित्तीय देनदारियों के कारण आर्थिक संकट उत्पन्न हुआ है. उन्होंने कहा कि अब तक एचसीएल प्रबंधन ने बढ़े हुए दर पर वेतन भुगतान में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है. इससे परेशानी बढ़ गयी है.
अधिकारी तीन व ठेका कर्मी 4 दिन करेंगे काम
आइआरएल ने आर्थिक संकट के समाधान के लिए बोझ कम करने के लिए अधिकारियों को सप्ताह में तीन दिन तथा ठेका मजदूरों को सप्ताह में चार दिन काम पर आने को कहा है.
जबकि पेरोल वाले 1200 मजदूरों को सप्ताह में एक दिन साप्ताहिक छुट्टी पर रहने को कहा गया है. कंपनी के इडी बीएन शुक्ला ने मजदूरों, अधिकारियों से संकट की इस घड़ी में सहयोग करने की अपील की है. सभी के सहयोग से डेढ़ हजार मजदूरों की रोजी-रोटी को सुरक्षित रखा जा सकता है.

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