चाकुलिया. तसरीशोल-शाकाभांगा में वृक्ष रक्षासूत्र बंधन महोत्सव
चाकुलिया : वन विभाग में कर्मचारियों की कमी है. वनों की रक्षा वन विभाग अकेले नहीं कर सकता है. इसमें समितियों की सहभागिता जरूरी है. वनों की सुरक्षा और हरियाली वन सुरक्षा समितियों की देन है. यहां के ग्रामीण वनों की रक्षा के प्रति जागरूक हैं. वे वनों के महत्व को समझते हैं. वन विभाग समितियों को हर संभव सहयोग करेगा. उक्त बातें जमशेदपुर वन प्रमंडल के डीएफओ सबा आलम अंसारी ने कहीं. वे बुधवार को चाकुलिया के तसरीशोल-शाकाभांगा में रेंजर गोरख राम की अध्यक्षता में आयोजित वृक्ष रक्षाबंधन महोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे.
मार्च में होगी वन सुरक्षा समितियों की बैठक: डीएफओ ने कहा कि वनों की रक्षा के लिए मार्च के पहले सप्ताह में धालभूमगढ़ में तमाम वन सुरक्षा समितियों के साथ बैठक होगी.
आग से रक्षा में आर्थिक सहयोग:डीएफओ ने कहा कि वनों को आग से बचाने में वन सुरक्षा समितियों का अहम योगदान रहता है. वन विभाग इस कार्य के लिए समितियों आर्थिक सहयोग करेगा.
हाथी प्रभावित गांव की समिति को मिलेंगे 50 हजार: डीएफओ ने कहा कि जंगली हाथियों से प्रभावित वाले गांवों की वन सुरक्षा समितियों को हाथी भगाने की सामग्री खरीदने के लिए वन विभाग 50 हजार रुपये देगा. इस राशि से पटाखे, मोबिल खरीदे जायेंगे, ताकि ग्रामीण इनके प्रयोग से हाथियों को भगा सके. शीघ्र खर्च होगी राशि: डीएफओ ने कहा कि मुटूरखाम वन सुरक्षा समिति को ग्राम विकास के लिए मिले आठ लाख रुपये शीघ्र खर्च होंगे. इसके लिए योजना बना कर वरीय अधिकारियों के पास भेजी गयी है. स्वीकृति मिलते ही काम शुरू होगा. समारोह का संचालन विकास बारिक ने किया. मौके पर एसीएफ सुशील कुमार उरांव, घाटशिला के रेंजर सुशील कुमार वर्मा, राखा माइंसस के रेंजर अनिल चंद्र दास, चाकुलिया वन रोपण के रेंजर अलख नंदन तिवारी, लिपिक तापस राय, वससु के अध्यक्ष गोष्टो बिहारी महाकुड़, सोमवारी सोरेन, रीता महतो, मिहिर बेरा, सुनाराम सोरेन, छोट राय मुर्मू, सदानंद बेरा, असीम बेरा समेत 50 वन सुरक्षा समितियों के सदस्य उपस्थित थे.
वृक्षों पर रक्षासूत्र बांध कर वनों की रक्षा का लिया गया संकल्प
आग से वनों के बचायें. क्योंकि आग से भारी नुकसान होता है. जंगल में आग लगने की सूचना विभाग को दें.
-गोरख राम, रेंजर, चाकुलिया
वृक्ष की जीवन के आधार हैं. वृक्ष के बिना जीव की कल्पना संभव नहीं है. इसलिए वनों की रक्षा करें. पौधे लगायें और वृक्षों की रक्षा करें.
-समीर अधिकारी, रेंजर, मुसाबनी.
वृक्ष से जन्म से मरण तक का रिश्ता है. एकजुट होकर वृक्षों की रक्षा करें. विभाग को सहयोग करें.
– संजय कुमार वर्मा, रेंजर, घाटशिला, वन रोपण.
वनों की रक्षा में समितियों के सदस्य काफी परिश्रम करते हैं. वन विभाग समितियों को सहयोग करे. ताकि वनों की बेहतर रक्षा हो.
जमुना टुडू, अध्यक्ष, मुटूरखाम वन सुरक्षा स.
वनों की रक्षा में वन विभाग का सहयोग जरूरी है. यहां के ग्रामीण वनों की रक्षा के प्रति कृत संकल्प हैं. वर्षों से वनों की रक्षा कर रहे हैं.
– गोष्टो बिहारी महाकुड़, अध्यक्ष, तसरीशोल-शाकाभांगा वन सुरक्षा समिति.