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महुलिया उवि कब बनेगा प्लस टू, उठने लगी मांग

काड़ाडुबा और शीलपाहड़ी उवि बन गया प्लस टू गालूडीह : गालूडीह का एकमात्र महुलिया उच्च विद्यालय को प्लस टू करने की मांग उठने लगी है. 1975 में स्थापित महुलिया उवि को प्लस टू का दर्जा नहीं मिला, जबकि हाल में काड़ाडुबा के तारामणी स्मारक उवि ओर एमजीएम के शीलपहाड़ी उवि को प्लस टू का दर्जा […]

काड़ाडुबा और शीलपाहड़ी उवि बन गया प्लस टू

गालूडीह : गालूडीह का एकमात्र महुलिया उच्च विद्यालय को प्लस टू करने की मांग उठने लगी है. 1975 में स्थापित महुलिया उवि को प्लस टू का दर्जा नहीं मिला, जबकि हाल में काड़ाडुबा के तारामणी स्मारक उवि ओर एमजीएम के शीलपहाड़ी उवि को प्लस टू का दर्जा दे दिया गया. गालूडीह क्षेत्र में 10 किमी के दायरे में कोई प्लस टू स्कूल नहीं है. महुलिया उवि से मैट्रिक पास करने के बाद विद्यार्थियों को दस किमी दूर घाटशिला या सालबनी जाना पड़ता है. बुद्धिजीवियों का कहना है कि अगर महुलिया उवि को प्लस टू का दर्जा मिलता, तो क्षेत्र के बालिकाओं को सहूलियत होगी. स्कूल के अध्यक्ष खुदीराम महतो ने कहा कि इस स्कूल को प्लस टू का दर्जा दिलाने की मांग पर कई बार आंदोलन हुआ. शिक्षा विभाग मौन है. दो शिक्षकों के भरोसे 600 विद्यार्थी:
महुलिया उवि में 9 वीं और 10 वीं की पढ़ाई होती है. करीब छह सौ से विद्यार्थी हैं, जबकि मात्र दो सरकारी शिक्षक हैं. एचएम उमेश्वर शर्मा ने बताया कि वर्तमान में 10 वीं कक्षा के विद्यार्थी स्टेट के बाद स्कूल के निकल गये हैं. 9वीं में साढ़े तीन सौ विद्यार्थी हैं. तीन शिक्षक यहां प्रतिनियुक्ति में थे.उनकी प्रतिनियुक्ति भी समाप्त हो गयी है. अब सिर्फ दो शिक्षक रह जायेंगे. ऐसे में पढ़ाई कैसे होगी.

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