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नक्सलियों की धमकी पर ग्रामीणों से माफी मांगी

धालभूमगढ़ : धालभूमगढ़ प्रखंड की महुलीशोल पंचायत के महुलीशोल गांव के मीठू साव ने बुधवार को ग्रामीणों से माफी मांगी. उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि माओवादी मंगल ने उन्हें चिट्ठी देकर महुलीशोल, डोमापाल और विहिंदा गांव के ग्रामीणों से माफी मांगने को कहा है. ग्रामीणों के समक्ष चिट्ठी पढ़ते हुए उन्होंने कहा कि चिट्ठी में […]

धालभूमगढ़ : धालभूमगढ़ प्रखंड की महुलीशोल पंचायत के महुलीशोल गांव के मीठू साव ने बुधवार को ग्रामीणों से माफी मांगी. उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि माओवादी मंगल ने उन्हें चिट्ठी देकर महुलीशोल, डोमापाल और विहिंदा गांव के ग्रामीणों से माफी मांगने को कहा है.

ग्रामीणों के समक्ष चिट्ठी पढ़ते हुए उन्होंने कहा कि चिट्ठी में लिखा है कि यह बात प्रमाणित हो चुका है कि आप पुलिस के मुखबिर हैं. कई लोगों को विभिन्न मामलों में फंसाया व परेशान किया. अगर आप जन रोष से बचना चाहते हैं, तो अपने गांव महुलीशोल, विहिंदा और डोमापाल के ग्रामीणों को बुलाकर उनके सामने हाथ जोड़ कर भूल स्वीकार करना होगा. भविष्य में जन विरोधी काम नहीं करने का वचन देना होगा.
यह पत्र मिलने के सात दिनों के अंदर यह कार्यक्रम करना होगा. बचने का यही एक मात्र उपाय है. वे चिट्ठी के अनुरूप माफी मांग रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह चिट्ठी उन्हें छह जून की सुबह घर के दरवाजे पर मिली थी. भयभीत होने के कारण उन्हें सात जून को किसी से कुछ नहीं बोला. चिट्ठी सफेद कागज पर नीले रंग से लिखी हुई है. उन्होंने बताया कि इसकी जानकारी पुलिस को नहीं दी गयी है. इस मौके पर कई ग्रामीण उपस्थित थे.
चिट्ठी लिख कहा- तुम पुलिस मुखबिर हो माफी नहीं मांगी तो बुरा अंजाम होगा
मुख्यमंत्री कहते हैं भ्रष्टाचार रोकेंगे उनकी पार्टी के लोग कर रहे भ्रष्टाचार
तालाब के ऊपर तालाब मामले में रामदास सोरेन ने कहा
मुसाबनी : पश्चिमी मुसाबनी पंचायत स्थित गिरिशडांगा गांव में तालाब के ऊपर तालाब निर्माण का मामला गरमा गया है. इस मामले में झामुमो कूद पड़ा है. वहीं भाजपा को घेरने की तैयारी शुरू हो गयी है. बुधवार को पूर्व विधायक सह झामुमो के जिलाध्यक्ष रामदास सोरेन ने मुसाबनी में संवाददाता सम्मेलन कर कहा कि तालाब के ऊपर तालाब बनाने का मामला गंभीर है. मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार रोकने के लिए 1818 में डायल करने की बात कहते हैं,
जबकि उनकी पार्टी के कार्यकर्ता ही भ्रष्टाचार कर रहे हैं.
ऐसे में सीएम साहब क्या करेंगे. गिरिशडांगा में पहले से मनरेगा के तहत बने तालाब पर विधायक कोष से तालाब का निर्माण किया जा रहा था. मुखिया ने इसका पर्दाफाश किया. बीडीओ की जांच से सच सामने आया. दोषियों पर सीएम कब कार्रवाई करेंगे. श्री सोरेन ने कहा कि 30/30 के डोभा निर्माण में 25 हजार राशि लग रही है, फिर गिरिशडांगा में 120/120 के तालाब में चार गुणा करीब डेढ़ लाख का प्राक्कलन बनाना चाहिए, लेकिन साढ़े सात लाख का प्राक्कलन बना है. इस योजना का शिलान्यास और सूचनापट्ट लगाये बगैर काम चोरी छिपे शुरू किया जाना दाल में काला है. विभाग इसके तह तक जाय और दोषियों को सामने आये.
झामुमो से भाजपा में जाने वाले हाशिये पर
श्री सोरेन ने कहा कि स्थानीय नीति पर भाजपा के विधायक-सांसद चुप्पी साधे हैं. झामुमो को छोड़ कर भाजपा में जाने वाले आज हाशिये पर हैं. झामुमो ही आदिवासियों और मूलवासियों के दर्द को समझता है और उनके हित में खड़ा रहने वाली पार्टी है.
मौके पर पूर्व मंत्री यदुनाथ बास्के, जिप सदस्य बाघराय मार्डी, शंकर चंद्र हेंब्रम, सागेन पूर्ति, मुखिया प्रधान सोरेन, सोमाय सोरेन,गौरांग माहली, साधु चरण मुर्मू, सपन कुंडू, दामा बेसरा,विक्रम हांसदा आदि उपस्थित थे.
बीडीओ ने गलत रिपोर्ट भेजी: भरत भकत
भाजपा नेता भरत भकत ने कहा कि तालाब मामले में बीडीओ ने डीडीसी के पास गलत रिपोर्ट भेजी है. वहां मनरेगा से तालाब बनने के दौरान पत्थर निकल गया था. इसलिए दोबारा तालाब बना. पांच साल में योजना नहीं लेने का प्रावधान है, तो फिर प्रखंड कार्यालय की योजना क्यों ली गयी थी. इस मामले में राजनीति हो रही है.
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