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हाथियों ने मचाया उत्पात , ग्राम प्रधान समेत चार लोगों के घरों को उजाड़ा

गम्हरिया : शनिवार की देर रात हाथियों के झुंड ने कांड्रा व रापचा पंचायत में खूब उत्पात मचाया. करीब पांच की संख्या में पहुंचे हाथियों के झुंड ने मोहनपुर गांव में ग्राम प्रधान दिलीप मंडल समेत चार लोगों के घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया. हाथियों के उत्पात की वजह से गांव का दो परिवार करीब […]

गम्हरिया : शनिवार की देर रात हाथियों के झुंड ने कांड्रा व रापचा पंचायत में खूब उत्पात मचाया. करीब पांच की संख्या में पहुंचे हाथियों के झुंड ने मोहनपुर गांव में ग्राम प्रधान दिलीप मंडल समेत चार लोगों के घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया. हाथियों के उत्पात की वजह से गांव का दो परिवार करीब दो घंटे तक अपने ही घर में बंधक बने रहे.

इस दौरान झुंड ने घरों को क्षतिग्रस्त करते हुए अंदर रखे धान व चावल को भी खा गये. रविवार सुबह सूचना पाकर मोहनपुर के वार्ड सदस्य बेबी मंडल पीड़ित परिवारों से मिली. साथ ही इसकी सूचना वन विभाग को देते हुए क्षतिपूर्ति देने की मांग की.
विभाग ने लिया जायजा. सूचना पाकर वन विभाग की टीम ने पीड़ित परिवारों का जायजा लिया. साथ ही क्षतिपूर्ति प्रदान करने को लेकर प्रक्रिया शुरू की गयी. टीम ने बताया कि कुछ मकान वन विभाग की जमीन पर बने हैं, जिसकी वजह से उक्त परिवारों को क्षतिपूर्ति प्रदान करने में अड़चन आ रही है.
बच्चों की रक्षा की चिंता में उड़ गये होश : उमेश
पीड़ित उमेश हेंब्रम ने बताया कि वह अपने मकान में अपनी पत्नी व दो बच्चे सोमराय व राजमनी के साथ सोये हुए थे. रात करीब एक बजे अचानक खटिया के समीप ही दीवार का कुछ टुकड़ा गिरा. मिट्टी का टुकड़ा गिरने की आवाज से सभी सदस्य जाग गये. वहीं भागने के लिए जैसे ही निकलना चाहा, तो देखा दरवाजे के पास ही एक हाथी खड़ा है.
इस दौरान हाथियों ने घर के दीवार को तोड़ना शुरू कर दिया. ऊपरी हिस्सा तोड़ने के क्रम में लोगों के शोर सुन हाथी भाग गया. इस दौरान छोटे बच्चों की रक्षा करने की सोच को लेकर उनका होश उड़ गया था. ग्रामीणों के आ जाने पर राहत की सांस ली.
छोड़ दी थी जीवित बचने की उम्मीद : मुटकी
पीड़ित मुटकी माझियान ने बताया कि शनिवार की रात वह अपने मकान में अकेली सोयी थी. रात करीब एक बजे अचानक एक हाथी ने दरवाजा खोल दिया और अंदर प्रवेश करने लगा, लेकिन दरवाजा छोटा होने की वजह से अंदर नहीं आ पाया. इस दौरान हाथी दरवाजे के बाहर ही खड़ा रहा.
तभी घर के पीछे से एक अन्य हाथी मकान का दीवार तोड़ सूंड़ से अनाज खाना शुरू कर दिया. दोनों तरफ हाथियों को देख घर के कोने में छिप गयी. करीब दो घंटे बाद ग्रामीणों के शोर मचाने पर हाथी भाग गये. दो घंटे के आतंक की वजह से मैंने जीवित बचने की उम्मीद छोड़ दी थी.
इन गांवों में मचाया उत्पात
पिंड्राबेड़ा, लेदमाडीह, हरिसुंदरपुर, मोहनपुर.
इनके घरों को किया क्षतिग्रस्त
ग्राम प्रधान दिलीप मंडल, सुशांतो घोष, उमेश हेंब्रम, मुटकी माझियान.

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