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तीन राज्यों के लिए मील का पत्थर बनेगा विवि

घाटशिला. लेदा में रखी गयी संताल विश्वविद्यालय की नींव, अतिथियों ने कहा घाटशिला : घाटशिला प्रखंड के दामपाड़ा की बांकी पंचायत के लेदा गांव में रविवार को पंडित रघुनाथ मुर्मू, रामदास टुडू रास्का ट्रस्ट के तत्वावधान में संताल विश्वविद्यालय का शिलान्यास समारोह पूर्व विधायक सूर्य सिंह बेसरा की अध्यक्षता में संपन्न हुआ. मौके पर असम […]

घाटशिला. लेदा में रखी गयी संताल विश्वविद्यालय की नींव, अतिथियों ने कहा

घाटशिला : घाटशिला प्रखंड के दामपाड़ा की बांकी पंचायत के लेदा गांव में रविवार को पंडित रघुनाथ मुर्मू, रामदास टुडू रास्का ट्रस्ट के तत्वावधान में संताल विश्वविद्यालय का शिलान्यास समारोह पूर्व विधायक सूर्य सिंह बेसरा की अध्यक्षता में संपन्न हुआ. मौके पर असम विस के पूर्व स्पीकर पृथ्वी माझी ने कहा कि संताल विश्वविद्यालय सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के बच्चाें के लिए मील का पत्थर साबित होगा. कहा कि संताल विश्वविद्यालय सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के बच्चाें के लिए मील का पत्थर साबित होगा.
कहा कि रांची के बाद कोल्हान विश्वविद्यालय की स्थापना हुई, लेकिन संताली भाषा के उत्थान को लेकर सार्थक पहल नहीं हो पायी. उन्होंने कहा कि संथाल विश्वविद्यालय खुलने से झारखंड, ओड़िशा और पश्चिम बंगाल के निकटवर्ती क्षेत्र के विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा. समारोह के दौरान अतिथियों ने पंडित गुरु गोमके मेमोरियल अकादमी दिशोम जाहेर स्थान करनडीह की पुस्तक नवा सारस (नयी किरण) का विमोचन किया. मालूम हो कि उक्त विश्वविद्यालय का शिलान्यास राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू एवं विशिष्ट टाटा स्टील के प्रबंध निदेशक टीवी नरेंद्ररन को करना था, लेकिन वे अपरिहार्य कारणाें से नहीं आ सके.
संताली भाषा का संरक्षक बनेगा विवि : हेंब्रम : विशिष्ट अतिथि भारत जागात माझी परगना महाल के परगना नित्यानंद हेंब्रम ने कहा कि संताली भाषा को 8वीं अनुसूची में जगह तो मिल गयी, लेकिन 70 वर्षों में भी संताली भाषा के विकास में आशातीत सफलता नहीं मिली. इस भाषा के उत्थान को लेकर केंद्र व राज्य सरकार भी उदासीन रहा. अब संताल विवि खुलने से निश्चित ही शिक्षा के क्षेत्र में संताली भाषा काे बढ़ावा मिलेगा. यह संताली भाषा का संरक्षक बनेगा. उन्होंने कहा कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बनीं. उन्होंने संताल विश्वविद्यालय खोलने की घोषणा की थी, लेकिन अब तक उक्त घोषणा को धरातल पर उतारा नहीं जा सका है.
लेदा में सूर्य रूपी विवि का उदय हुआ है : प्रो मित्रेश्वर : प्रो मित्रेश्वर ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक दिन है. देश में एक अभूतपूर्व कार्य हो रहा है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में संताली विश्वविद्यालय के रूप में सूर्य का उदय हुआ है. यहां केजी से लेकर पीजी तक की पढ़ाई होगी. उन्होंने कहा कि वे सूर्य सिंह बेसरा को उनके छात्र जीवन से जानते हैं. वे उनके छात्र रह चुके हैं. प्रो मित्रेश्वर ने कहा कि कवि हरिवंश राय बच्चन की मधुशाला पुस्तक को संताली अनुवाद कर संताली अकादमी का पुरस्कार पाने वाले श्री बेसरा को सही मायने में कवि गुरु की उपाधि मिलनी चाहिए. बनारस में हिंदू विश्वविद्यालय खोलने में आम लोगों और किसानों ने त्याग किया. एक मुठ्ठी चावल भी चंदा स्वरूप दिया. उन्होंने क्षेत्र के लोगों से अपील की कि राजनीति को दरकिनार कर एक हों और अपने बच्चों का भविष्य संवारे.
इन्होंने भी समारोह को संबोधित किया : समारोह को सिदू-कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ फटीक चंद्र हेंब्रम, पूर्व डीआरएम एमयूएन माझी, विनोवा भावे विश्वविद्याल हजारीबाग के गणेश मुर्मू, भारतीय पुलिस सेवा ओड़िशा के पूर्व एडीजी श्याम सुंदर हांसदा, भारतीय आदिम जनजाति के महासचिव गणेश चंद्र मुर्मू ने भी संबोधित किया. समारोह का संचालन रवींद्र नाथ मुर्मू ने किया. धन्यवाद ज्ञापन सुरेश चंद्र मुर्मू ने किया. मौके पर डॉ विनोद कुमार, डॉ नरेश कुमार, सुबोध कुमार सिंह, जिला परिषद सदस्य देवयानी मुर्मू, आरती सामद, प्रमुख हीरामनी मुर्मू, आसना की मुखिया महारानी मुर्मू, काड़ाडुबा की माही हांसदा, ट्रस्ट के सचिव सीता राम टुडू, कोषाध्यक्ष श्याम चरण टुडू, भुजंग टुडू, नारायण माझी, विक्रम बेसरा समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे.
पृथ्वीनाथ माझी ने किया शिलान्यास
लेदा में असमविधान सभा के पूर्व विधान सभा अध्यक्ष पृथ्वी नाथ माझी, देश परगना बैजू मुर्मू और जिला परिषद सदस्य देवयानी मुर्मू ने संयुक्त रूप से संथाल विश्वविद्यालय का शिलान्यास फीता काट कर और शिलापट का अनावरण कर किया. इस मौके पर तरफ पौराणिक रामचंद्र मुर्मू, प्रो मित्रेश्वर, पंडित रघुनाथ मुर्मू, रामदास टुडू रास्का ट्रस्ट के अध्यक्ष सूर्य सिंह बेसरा समेत कई लोग उपस्थित थे. इसके पूर्व लेदा के पुजारी लखाई हांसदा, ग्राम प्रधान गणेश मुर्मू ने पूजा की.
झारखंड का शांति निकेतन बनेगा संताल विवि : बेसरा
समारोह में पंडित रघुनाथ मुर्मू, रामदास टुडू रास्का ट्रस्ट के अध्यक्ष सूर्य सिंह बेसरा ने कहा कि बनारस में हिंदू विश्वविद्यालय, तो झारखंड में संताल विश्वविद्यालय क्यों नहीं बन सकता. कहा कि वर्ष 1975 में पश्चिम बंगाल के झाड़ग्राम में संताल विश्वविद्यालय खोलने की पहल की गयी थी, लेकिन किसी कारण वश ऐसा नहीं हो सका. उन्होंने कहा कि संताल विश्वविद्यालय खुलने से हर समुदाय को लाभ मिलेगा. यह विश्वविद्यालय झारखंड का शांति निकेतन होगा.
केजी से लेकर पीजी तक संताली, बंगाली, ओड़िया के अलावे कई अन्य भाषाओं की पढ़ाई इस विश्वविद्यालय में होगी. इस मौके पर पृथ्वी नाथ माझी ने पूर्व विधायक और पुखुरिया गांव निवासी भुजुंग टुडू को साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त करने के लिए सम्मानित किया.

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