घाटशिला : घाटशिला के माझी परगना महाल भवन में रविवार को झारखंड आंदोलनकारी मंच की बैठक आंदोलनकारी जयपाल मांझी की अध्यक्षता में हुई. बैठक में बतौर मुख्य अतिथि बहरागोड़ा के विधायक कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि आंदोलनकारियों का मामला विधानसभा में उठायेंगे. उन्होंने कहा कि झारखंड में 60 हजार आंदोलनकारियों का आवेदन जमा है. इस मामले को मुख्यमंत्री रघुवर दास के समक्ष भी रखा गया. इसकी जानकारी गृह मंत्रालय को भी दी गयी.
सबसे अहम सवाल है कि आंदोलनकारियों का फाइल नहीं मिल रहा है, जो लोग झारखंड आंदोलन के दौरान जेल गये. उन्हें सरकार 5 हजार और 3 हजार रुपये पेंशन दे रही है. लेकिन जिन लोगों ने आंदोलन में सहयोग किया. उन्हें गृह मंत्रालय से प्रशस्ति पत्र देने की जरूरत है.
पेंशन के लिए करना होगा आंदोलन : सोरेन : बैठक में जिलाध्यक्ष रामदास सोरेन ने कहा कि झारखंड आंदोलन की तर्ज पर पेंशन और नौकरी लेने के लिए आंदोलनकारियों को एकजुट होकर आंदोलन करने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि झारखंड गठन के 17 साल बाद जिन आंदोलनकारियों को आज पेंशन मिल रहा है. यह झामुमो के दबाव के कारण मिल रहा है. उन्होंने कहा कि वे जब विधायक थे. विधानसभा में आंदोलनकारियों की बातों को रखें तो उन्हें कुछ आंदोलनकारियों को पेंशन देने की स्वीकृति मिली. जगदीश भकत ने कहा कि पूर्वी सिंहभूम में 4050 आंदोलनकारियों ने आवेदन दिया है. इसमें से 126 लोगों को 3 हजार, 5 लोगों को 5 हजार पेंशन मिल रहा है. 36 लोगों को पेंशन की स्वीकृति मिली है.
बैठक में आंदोलनकारियों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि पेंशन में वृद्धि और आंदोलनकारी मंच की समिति बनाने पर सहमति बनी. मौके पर पूर्व मंत्री यदुनाथ बास्के, शैलेंद्र बास्के, मधु नमाता, सागेन पूर्ति, मो मुस्तफा, मो रिजवान, अर्जुन हांसदा, सालखु टुडू, अंतो हांसदा, डोली चक्रवर्ती, मो सकील, मो मुस्ते, मो नवी, सोनाली बोस, जोबा हांसदा, संतोषी नमाता,