पाकुड़ नगर. झारखंड राज्य जलछाजन मिशन और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत शुक्रवार को रवींद्र भवन टाउन हॉल में जिलास्तरीय वाटरशेड यात्रा समारोह का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ उपायुक्त मनीष कुमार, उप विकास आयुक्त महेश कुमार संथालिया, विशेष कार्य पदाधिकारी त्रिभुवन कुमार सिंह, जिला कृषि पदाधिकारी मृत्युंजय कुमार, जिला परिषद उपाध्यक्ष अशोक कुमार भगत, सांसद प्रतिनिधि श्याम यादव, कांग्रेस जिलाध्यक्ष श्रीकुमार सरकार, विधायक प्रतिनिधि गोकुल अहमद, लिट्टीपाड़ा विधायक प्रतिनिधि अजीजुल इस्लाम समेत अन्य पदाधिकारियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया. इस अवसर पर उपायुक्त ने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य मृदा एवं जल संरक्षण को बढ़ावा देना, जनभागीदारी के माध्यम से लोगों में जलछाजन के प्रति जागरूकता लाना और प्राकृतिक संसाधनों जैसे उपजाऊ मिट्टी, भू-गर्भ जल, जंगल और पशुधन का समुचित प्रबंधन करना है. उन्होंने जल है, तो कल है का नारा देते हुए जल बचाने की अपील की और कहा कि पानी बचाना मानवता के लिए सबसे बड़ा कार्य है. उपायुक्त ने बताया कि कार्यक्रम स्थल पर जल संरक्षण से जुड़े विभिन्न मॉडलों को प्रदर्शित किया गया है, जिससे लोगों को जल संचयन के महत्व और उसकी तकनीकों की जानकारी मिल सके. उन्होंने मनरेगा के तहत जल संरक्षण योजनाओं का लाभ उठाने और जलकुंड निर्माण पर भी जोर दिया. डीडीसी ने कहा कि जल संरक्षण मौजूदा समय की सबसे बड़ी जरूरत है. उन्होंने बताया कि जल संसाधनों के समुचित उपयोग और वर्षा जल संचयन से कृषि और आजीविका को सशक्त किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि मिट्टी हमारे जीवन का आधार है और इसका संरक्षण कृषि उत्पादकता एवं पर्यावरण संतुलन के लिए अत्यंत आवश्यक है. इस अवसर पर उपायुक्त ने सभी लोगों को भूमि और जल संरक्षण की शपथ दिलायी. वहीं कार्यक्रम में दौरान उपायुक्त ने जलछाजन मिशन के तहत रवींद्र भवन से वाटरशेड जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.
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